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This Article is From Jul 09, 2023

अब GST से जुड़े मामलों में ED सीधा दे सकेगी दखल, व्यापारियों के संगठन ने फैसले पर जताई चिंता

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि टैक्स से जुड़े मामलों में ED सीधा दखल दे सकेगी. इसको लेकर व्यापारियों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ED के दुरूपयोग की संभावना को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है.

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अब GST से जुड़े मामलों में ED सीधा दे सकेगी दखल, व्यापारियों के संगठन ने फैसले पर जताई चिंता
GST Updates: देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि टैक्स से जुड़े मामलों में ED सीधा दखल दे सकेगी.
नई दिल्ली:

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने 7 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के मामलों में PMLA की कार्रवाई का अधिकार दिया गया है. यानी कि GST में गड़बड़ी होने पर  प्रवर्तन निदेशालय (ED) व्यापारियों पर PMLA (Prevention of Money laundering Act ) के अन्तर्गत कार्रवाई कर सकेगा. इसको लेकर देश और दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने चिंता जताई है .

टैक्स से जुड़े मामलों में भी सीधा ED का दखल

सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि टैक्स से जुड़े मामलों में ED सीधा दखल दे सकेगी. इसको लेकर व्यापारियों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ED के दुरूपयोग की संभावना को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है और ED के मामले में जमानत में सालों लग जाते हैं.

व्यापारियों के संगठन ने ED के दुरूपयोग की जताई संभावना

सीटीआई का कहना है कि व्यापारी इस बात की कैसे गारंटी लेंगे कि जिससे उन्होंने माल खरीदा या बेचा है उन्होंने तो कोई गड़बड़ी नहीं की है. इसके अलावा जीएसटी व्यवस्था आज भी इतनी जटिल है कि कोई ना कोई ग़लती होने की संभावना बनी रहती है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि वित्त मंत्रालय को और स्पष्टीकरण देना चाहिए कि GST के किन मामलों में और कितने तक की त्रुटि में ED सीधे दखल दे सकती है, नहीं तो इसके दुरूपयोग की संभावना बनी रहेगी . 

ED के नोटिस पर CA या वकील को साथ ले जाने की छूट नहीं

वहीं, सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि व्यापारियों को नोटिस आया, ED ऑफिस गये, बाहर आयेंगे या नहीं , पता नहीं, ये डराता है. नोटिस पर CA या वकील को साथ ले जाने की छूट भी ना के बराबर है. GST में ज़्यादा परेशानी इसलिए है, क्योंकि ज़्यादातर कारोबारी अपने सप्लायर, उसकी परचेज, गतिविधियों के बारे में लगातार और पूरी जानकारी नहीं रखते हैं. सप्लायर के ग़लत कामों में भागीदारी के आरोप का संशय बना रहता है.

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