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'संविधान हत्या दिवस' असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का शिगूफा, सुर्खियां बटोरने की कवायद : कांग्रेस

Samvidhaan Hatya Diwas: आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम ने आपको जो झटका दिया है, उससे उबरने के लिए कुछ अच्छा तलाश करिए.

'संविधान हत्या दिवस' असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का शिगूफा, सुर्खियां बटोरने की कवायद : कांग्रेस
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने आपातकाल लागू किए जाने को लेकर हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है. इसी दिन 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा की. वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आपातकाल को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का केंद्र सरकार का कदम सुर्खियां बटोरने की कवायद भर है.

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा कि बीजेपी एक बार फिर से मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश में लग गई है. जब हमने चुनाव से पहले INDIA गठबंधन बनाया था, तब देश का एक दूसरा नाम 'भारत' को सामने कर देश का नाम बदलने की वकालत करने लगे थे और अब हम जब जय संविधान कह रहे हैं तो वो ‘संविधान हत्या दिवस' जैसी चीजों को लेकर देश का ध्यान भटकाने की कोशिश में लग गए हैं. ये सिर्फ कदम सुर्खियां बटोरने की कवायद भर है.

मणिकम टैगोर ने कहा, "देश का ध्यान नीट, पेपर लीक, अग्निपथ योजना की असफलता, बेरोजगारी और महंगाई से भटकाने के लिए इस तरह की टैक्टिक्स अपना रही है, लेकिन देश इस तरह की राजनीति को पसंद नहीं करेगा."

वहीं आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, "जिन लोगों ने संविधान को तहस-नहस करके रख दिया, उसके मर्म को तहस-नहस कर दिया, चुने हुए जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया. ईडी, सीबीआई और आईटी का दुरुपयोग कर संविधान को तार-तार कर दिया. खुद उनके संगठन के लोगों ने संविधान के दौरान माफियां मांगीं, तो ये दोहरा चरित्र मत अपनाइए."

मनोज झा ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम ने आपको जो झटका दिया है उससे उबरने के लिए कुछ अच्छा तलाश करिए. पहले संविधान को पढ़िए और फिर उसी तरह का समाज गढ़िए, ये आपकी जिम्मेदारी है.

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दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद “तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए.”

इसमें कहा गया है कि भारत के लोगों को संविधान और इसके लचीले लोकतंत्र की शक्ति पर अटूट विश्वास है.

अधिसूचना में कहा गया, “इसलिए, भारत सरकार 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस' के रूप में घोषित करती है, ताकि आपातकाल के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के ऐसे घोर दुरुपयोग का समर्थन न करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया जा सके.”

शाह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाही मानसिकता का खुला प्रदर्शन करते हुए देश में आपातकाल लागू करके भारत के लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया. उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को बिना किसी गलती के सलाखों के पीछे डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया.
 

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