केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की अपनी यात्रा के दूसरे दिन महिलाओं (मीरा पैबिस) सहित समाज के सभी वर्गों के साथ विचार-विमर्श किया. साथ ही गृह मंत्री ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठकें भी बुलाईं और क्षेत्र में स्थिरता वापस लाने के लिए जमीनी स्थिति और बलों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की 360 डिग्री समीक्षा की. गृह मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि केंद्र मणिपुर में समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने और विभिन्न समुदायों के बीच काम करने के लिए सभी प्रयास कर रहा हैं. उनके अनुसार क्षेत्र में शांति और स्थिरता वापस लाने के लिए केंद्र तीन आयामी दृष्टिकोण अपना रहा है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई आतंकवादी अपने शिविरों से दूर चले गए हैं, उन्हें पकड़ने या उन्हें गिरफ्तार करने और यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि वे अपने शिविरों की सीमाओं में वापस चले जाएं, सुरक्षा बलों द्वारा अपील की जा रही है की अगर किसी के पास हथियार है तो वो वापिस कर दें.
अधिकारी ने कहा कि उनके अनुसार प्रशासन को सभी विस्थापितों के पुनर्वास के निर्देश दिए गए हैं. हिंसा के कारण जिन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है, वे सभी वापस जाना चाहते हैं, इसलिए प्रशासन को निर्देश दिए गये हैं की उन सभी लोगो की हर संभव मदद की जाए.
उधर मणिपुर में विभिन्न गुटों को अपील करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने चुराचंदपुर का दौरा करने के बाद इम्फाल में एक सर्वदलीय बैठक भी की. शाह ने मणिपुर पुलिस, सीएपीएफ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की. यूएचएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से सख्ती से निपटें और क्षेत्र में स्थिरता वापस लाने पर ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मणिपुर की शांति और समृद्धि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
इस बीच अपने दौरे के तीसरे दिन शाह कल मणिपुर के मोरेह और कांगपोकपी इलाकों का दौरा करेंगे। वह मोरेह में विभिन्न स्थानीय समूहों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बातचीत करेंगे और उसके बाद कांगपोकपी में नागरिक समाज संगठनों के साथ बैठक करेंगे। बाद में वह इंफाल में सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे।
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