केंद्र ने विश्वभारती यूनिवर्सिटी को विवादास्पद पट्टिकाएं बदलने को कहा

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय से कहा है कि वह पट्टिकाएं हटा दे और उनकी जगह नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के नाम वाली पट्टिकाएं लगाए

केंद्र ने विश्वभारती यूनिवर्सिटी को विवादास्पद पट्टिकाएं बदलने को कहा

विश्वभारती विश्वविद्यालय.

खास बातें

  • यूनेस्को से दर्जा मिलने के कुछ दिन बाद तीन पट्टिकाएं लगी थीं
  • पट्टिकाओं पर संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर का नाम नहीं था
  • छात्रों, शिक्षकों और राजनीतिक दलों ने हंगामा शुरू कर दिया था
कोलकाता:

केंद्र ने विश्वभारती विश्वविद्यालय से शांतिनिकेतन को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने की स्मृति में लगी विवादास्पद पट्टिकाओं को बदलने के लिए कहा है. विश्वविद्यालय के एक सूत्र ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

सूत्र ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय से कहा है कि वह पट्टिकाएं हटा दे और उनकी जगह नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के नाम वाली पट्टिकाएं लगाए.

विश्वभारती के प्रवक्ता महुआ बंद्योपाध्याय ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम पट्टिकाओं के बारे में तब तक कुछ भी पुष्टि नहीं कर सकते जब तक हमारे पास केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से लिखित परिपत्र नहीं मिल जाता.''

शांतिनिकेतन को 17 सितंबर को यूनेस्को से दर्जा मिलने के कुछ दिनों बाद परिसर के विभिन्न हिस्सों में इस सम्मान की स्मृति में तीन पट्टिकाएं लगीं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नाम थे, लेकिन शांतिनिकेतन एवं विश्वभारती के संस्थापक टैगोर के नाम का उल्लेख नहीं था. इससे छात्रों, शिक्षकों और राजनीतिक दलों ने हंगामा शुरू कर दिया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 26 अक्टूबर को विश्वभारती से पट्टिकाओं को तुरंत बदलने को कहा या फिर परिसर में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा अनिश्चितकालीन प्रदर्शन का सामना करने की चेतावनी दी.

आखिरकार आठ नवंबर को चक्रवर्ती का पांच साल का कार्यकाल खत्म होने और कला भवन के प्रधानाचार्य वीसी संजय कुमार मलिक के कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद प्रदर्शन वापस ले लिया गया.

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कार्यभार संभालने के तुरंत बाद मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि टैगोर के आदर्शों और मूल्यों को विश्वविद्यालय के कामकाज में बरकरार रखा जाए.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)