सीबीआई की टीम आज राबड़ी देवी के बिहार स्थित आवास पर पहंची और कई घंटों तक पूछताछ की. बताया जा रहा है कि जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में सीबीआई यहां पहुंची थी. राबड़ी देवी से सीबीआई की पूछताछ अब खत्म हो गई है. लालू यादव और उनके परिवार पर आरोप है कि 2004 से 2009 के रेल मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने उम्मीदवारों से रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी की नौकरी के बदले अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन ली थी. इस केस में 15 मार्च को राबड़ी, लालू यादव और मीसा यादव की पेशी है. जब सीबीआई की टीम राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची, तब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी घर के अंदर ही थे. सीबीआई की टीम को अचानक देखकर सभी हैरान रह गए. बता दें कि राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
सूत्रों की मानें, तो यह राबड़ी देवी के घर पर कोई छापे की कार्रवाई नहीं है, बल्कि लैंड फॉर जॉब घोटाले में आगे की पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम पहुंची है. रेलवे के 'नौकरी के लिए जमीन' घोटाले में मई 2022 में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी.
एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि रेलवे विभाग में नौकरी दिलाने के बदले जमीन लालू यादव और उनके परिवार को हस्तांतरित की गई. ये मामला 2004-2009 के बीच का है, जब लालू रेल मंत्री थे. सीबीआई की एफआईआर में लालू, पत्नी राबड़ी, बेटी मीसा और हेमा के नाम हैं. एफआईआर में 12 अन्य के नाम हैं, जिन्हें कथित तौर पर जमीन के बदले में नौकरी मिली.
आरोप है कि लालू प्रसाद ने एक साजिश के तहत अपने परिवार के नाम पर लोगों से बेहद कम दरों पर जमीन खरीदी. लालू यादव के करीबी सहयोगी भोला यादव को सीबीआई ने जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया. राजद का कहना है कि सीबीआई की ये कार्रवाई भाजपा द्वारा प्रायोजित और राजनीतिक रूप से प्रेरित है.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित जमीन के बदले नौकरी के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ समन जारी किया है. सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को 15 मार्च के लिए समन जारी किया है.
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