केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी और होटल चेन क्लेरिज के प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया है. केस में ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री, क्लेरिज होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के प्रमुख विक्रमादित्य सिंह और एयर इंडिया के एक कर्मचारी दीपक सांगवान का नाम है. ईडी पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और अन्य से जुड़े दिल्ली शराब नीति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है, जिसमें अमनदीप सिंह ढल भी आरोपी हैं. उन्हें इस साल की शुरुआत में एजेंसी ने गिरफ्तार किया था.
ईडी ने दावा किया है कि पवन खत्री और ईडी में एक क्लर्क नितेश कोहर ने कथित तौर पर अमनदीप सिंह ढल की मदद करने के लिए रिश्वत के तौर पर 5 करोड़ रुपये लिए थे.
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शिकायत के अनुसार, ढल और उनके पिता बीरेंद्र पाल सिंह ने ईडी अधिकारियों को सूचित किया कि उन्होंने ढल के खिलाफ मामले में ईडी की जांच में 'मदद की व्यवस्था' करने के लिए दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच एक चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण वत्स को 5 करोड़ रुपये दिए थे.
एजेंसी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया, "प्रवीण वत्स ने कहा कि अमनदीप सिंह ढल से मिले पैसे में से 50 लाख दिसंबर के मध्य में सांगवान और खत्री को अग्रिम रूप में दिए गए थे, जैसा कि उन्होंने मांगा था."
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चूंकि ढल को इस साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था, इसलिए उनके पिता ने पैसे वापसी की मांग की. जैसा कि वत्स ने बताया, 29 जून को खत्री की मौजूदगी में उन्हें 1 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए.
शिकायत के बाद, सीबीआई ने रिश्वत के माध्यम से दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी की जांच को प्रभावित करने के आरोप में खत्री, कोहर, सांगवान, वत्स, विक्रमादित्य सिंह, अमनदीप सिंह ढल और बीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है.
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