केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ऑक्सफैम इंडिया (OXFAM India) और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से भारत के विदेशी फंडिंग नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है. फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत यह मामला दर्ज किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है.
ऑक्सफैम इंडिया पर आरोप है कि उसने साल 2019-20 में 12.71 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन में FCRA का उल्लंघन किया है. आरोप है कि ऑक्सफैम इंडिया ने इसी तरह साल 2013 से 2016 के बीच 1.5 करोड़ रुपये के विदेशी लेन-देन में भी अनियमितता बरती थी.
सीबीआई के अनुसार ऑक्सफैम इंडिया ने 2013 और 2016 के बीच नामित बैंक खाते के बजाय सीधे अपने फॉरेन कंट्रीब्यूशन यूटिलाइजेशन अकाउंट में लगभग 1.5 करोड़ रुपये हासिल किए. एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को 12.71 लाख रुपये दिए. उसने वित्तीय वर्ष 2019-20 में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) 2010 के नियमों का उल्लंघन करते ट्रांजेक्शन किया.
सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर यह कार्रवाई की है. पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया था. गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया पर "राष्ट्र-विरोधी" गतिविधियों में शामिल होने और एफसीआरए रिन्यूवल के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए अन्य देशों की सरकारों और संस्थानों के जरिए दबाव डालने का आरोप लगाया था.
सीबीआई की एफआईआर में यह भी जिक्र किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एसोसिएशनों या प्रॉफिट कंसल्टेंसी फर्मों को राशि हस्तांतरित करके एफसीआरए को बायपास करने की योजना बना रहा था. सीबीआई ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह एक तलाशी अभियान के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल का रिकार्ड जब्त किया था.
ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम के ग्लोबल कन्फेडरेशन का एक हिस्सा है, जो गरीबी, असमानता, जेंडर जस्टिस और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है. इस गैर-सरकारी संगठन ने कोई भी गलत काम किए जाने से इनकार किया है और कहा है कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है.
उसने कहा है कि, “ऑक्सफैम इंडिया दिसंबर 2021 में अपने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन का रिन्यूवल नहीं होने के बाद से सभी सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है. हमने अपने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू नहीं करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से हमारी याचिका पर जवाब देने को कहा है.''
ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई का मामला ऐसे समय में आया है जब कई सिविल सोसायटी संगठनों को उनकी विदेशी फंडिंग और अन्य गतिविधियों को लेकर सरकार की जांच और कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. सरकार ने कहा है कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो विदेशी धन का दुरुपयोग करते हैं या कानून का उल्लंघन करते हैं. जबकि संगठनों ने सरकार पर उत्पीड़न करने और अंकुश लगाने का आरोप लगाया है.
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