केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत के अनुरोध वाली अर्जी का बृहस्पतिवार को विरोध किया. सीबीआई ने दावा किया कि सिसोदिया ने इस तथ्य को छुपाया कि उनकी पत्नी को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया की पत्नी को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है लेकिन उनकी अंतरिम जमानत अर्जी में इस तथ्य का उल्लेख नहीं किया गया. सीबीआई ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी वाले कागजात के मुताबिक, सिसोदिया की पत्नी की हालत में सुधार हुआ है.
हालांकि, सिसोदिया के वकील ने दावा किया कि तथ्यों को छुपाया नहीं गया और कहा कि अदालत के सामने रखे गए दस्तावेज से पता चलता है कि उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, लेकिन उन्हें निरंतर देखभाल की जरूरत है.न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने मौखिक टिप्पणी में कहा, ‘‘हर पति का कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी की देखभाल करे.'' सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि यह विवाह के समय लिया गया संकल्प है.
सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां किसी की चिकित्सा स्थिति खराब रहती है, वह यह कहने वाले पहले व्यक्ति होंगे कि राहत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘25 अप्रैल को, सिसोदिया की पत्नी की हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल करने से काफी पहले उन्हें छुट्टी मिल गई. अंतरिम जमानत की अर्जी को इस आधार पर देखना चाहिए कि तथ्यों को छिपाया गया.''
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘‘सिसोदिया ने इस बात को छुपाया कि उनकी पत्नी को छुट्टी दे दी गई और उनकी हालत में सुधार हुआ है. यह कोई अनजाने में हुई भूल नहीं है, यह जानबूझकर की गई.'' सिसोदिया के वकील ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी के कागजात में वर्णित तथ्यों को छुपाया नहीं गया. इस पर राजू ने सवाल किया कि अंतरिम अर्जी में इसका उल्लेख क्यों नहीं किया गया.
उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर सीबीआई की दलीलें भी सुनीं और मामले को 10 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. सिसोदिया के वकील ने बुधवार को कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया की पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है और अदालत से उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया था. सीबीआई ने कई दौर की पूछताछ के बाद आबकारी नीति मामले में कथित भ्रष्टाचार के लिए 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.
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