
- सीबीआई ने डिजिटल गिरफ्तारी फ्रॉड मामले में केरल और गुजरात से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
- गिरफ्तार आरोपियों के पास से मिले डिजिटल और दस्तावेजी सबूतों से फ्रॉड में उनकी संलिप्तता पाई गई है.
- आरोपियों ने भारत में बैठे विदेशी ठगों को बैंकिंग और लेन-देन में मदद प्रदान की थी.
सीबीआई ने डिजिटल गिरफ्तारी फ्रॉड केस में तीन लोगों को गिरफ्तार करने में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई सीबीआई के ऑपरेशन चक्र-V के तहत की गई है. इस ऑपरेशन का मकसद ऐसे अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोहों को खत्म करना है, जो भारतीय नागरिकों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं. सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, एक आरोपी को केरल से और दो आरोपियों को गुजरात से पकड़ा गया है.
सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के पास से कई जरूरी डिजिटल और दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जिनसे इनके फ्रॉड में शामिल होने की पुष्टि हुई है. ये आरोपी भारत में बैठे विदेशी ठगों को बैंकिंग और पैसे के लेन-देन में मदद करते थे.
दिल्ली में CBI कोर्ट में पेश किया
गिरफ्तार आरोपियों को पहले स्थानीय अदालतों में पेश किया गया और फिर ट्रांजिट वारंट लेकर उन्हें दिल्ली लाया गया, जहां उन्हें CBI कोर्ट में पेश किया गया.
CBI ने पिछले हफ्ते इस केस में देश भर में करीब 40 जगहों दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल में छापेमारी की थी. उस दौरान एजेंसी ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, केवाईसी दस्तावेज, सिम कार्ड और कई डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए थे. इनसे पता चला कि भारत में एक संगठित नेटवर्क विदेशी साइबर अपराधियों की मदद कर रहा था.
एडवांस डिजिटल जांच पर फोकस
CBI ने कहा कि वह ऐसे साइबर ठगी के मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रखेगी. एजेंसी का फोकस अब एडवांस डिजिटल जांच, एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से इन अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को पकड़ने पर है.
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