
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले (Chhattisgarh Public Service Commission Recruitment Scam) में शुक्रवार को सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने रायपुर और महासुमंद में कुल 5 ठिकानों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी उन लोगों के ठिकानों पर की गई, जिनकी भूमिका इस घोटाले में मध्यस्थ या सॉल्वर के रूप में सामने आई है.
सीबीआई ने रायपुर में आज तीन और महासमुंद में दो स्थानों पर दबिश दी. इन जगहों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
सीबीआई ने यह केस छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध पर दर्ज किया था. इससे पहले यह मामला स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया था, जिसमें 2020 से 2022 के बीच हुई परीक्षाओं में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य वरिष्ठ पदों पर योग्यता के बजाय सिफारिश के आधार पर नियुक्तियों का आरोप था.
कई कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां
सीबीआई ने इस मामले में अब तक कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां की हैं. 18 नवंबर 2024 को आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी और रायपुर के एक निजी इस्पात कंपनी के निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 10 जनवरी 2025 को नितेश सोनवानी (पूर्व अध्यक्ष का भतीजा, चयनित DC) और ललित गणवीर (पूर्व उप परीक्षा नियंत्रक, CGPSC) को हिरासत में लिया गया.
वहीं 12 जनवरी 2025 को शशांक गोयल, भूमिका कटियार (दोनों चयनित DC), और साहिल सोनवानी (चयनित Dy SP) को गिरफ्तार किया गया.
सीबीआई ने 16 जनवरी 2025 को रायपुर की विशेष CBI अदालत में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
चार्जशीट में इन लोगों का नाम
सीबीआई की चार्जशीट में तामन सिंह सोनवानी, श्रवण गोयल, शशांक गोयल, भूमिका कटियार, नितेश सोनवानी, साहिल सोनवानी और ललित गणवीर के नाम शामिल हैं.
फिलहाल, CBI इस मामले में अन्य उम्मीदवारों, CGPSC अधिकारियों और साजिश में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की जांच कर रही है.
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