रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों से घिरी TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. कोलकाता में उन्होंने कहा कि महुआ की लोकसभा सदस्यता अगर खारिज की गई तो वो लोकसभा चुनाव से ऐन पहले और लोकप्रिय हो जाएंगी. ममता ने कहा कि उनकी पार्टी के कई नेताओं को अलग-अलग मामलों में गिरफ़्तार किया गया है और अब अगर महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई हुई तो इससे महुआ को ही आगामी चुनाव में फायदा होगा. महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल सांसद हैं और पिछले ही दिनों तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें कृष्णानगर ज़िले में पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. इस कदम को महुआ में तृणमूल कांग्रेस के विश्वास के तौर पर देखा गया. ममता बनर्जी खुलकर उनके समर्थन में आ ही गई हैं.
ममता के बयान पर बीजेपी सांसद निशिकांत ने कही ये बात
इस पूरे मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि अगर उन्हें ऐसे सांसद पसंद हैं तो उन्हें मुबारक.जब लॉग इन की जांच की गई तो सिर्फ हीरानंदानी को ही आईडी नहीं दिया, बेंगलुरु से भी उसी दिन और उसी टाइम अकाउंट खोला गया. उस समय महुआ मोइत्रा यहीं थी. कोलकाता, दिल्ली से भी खोला जा रहा था. बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि ये बहुत बड़ी साजिश है.बेटिंग ऐप, चीनी कनेक्शन और देशद्रोहियों का कनेक्शन भी है. इसकी जांच जरूरी है.
CM ममता बनर्जी ने दिया है ये बयान
बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वो महुआ को निकालने की (लोकसभा से निष्कासित करने की) योजना बना रहे हैं. वो तीन महीने और लोकप्रिय हो जाएंगी. जो उन्होंने अंदर कहा, वो बाहर कहेंगी. वो हर दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. इसमें उनका क्या नुक़सान है? आप मूर्ख हो जो 2024 चुनाव से तीन महीने पहले ऐसा करोगे. उन्होंने चार विधायकों को गिरफ्तार किया है. वो सोचते हैं कि वो इस तरह हमारी ताक़त कम कर देंगे. हमने भी फ़ैसला किया है कि अगर वो हममें से चार पर चोरी का आरोप लगाकर बदनाम करेंगे, जेल में डालेंगे तो उनके खिलाफ भी हत्या के केस हैं. मैं उनके आठ लोगों को जेल में डालूंगी.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे. दुबे ने महुआ के एक्स पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे. महुआ के खिलाफ पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी (Ethics Committee)ने जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट 10 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को भेज दी थी. अब स्पीकर इस मामले में आगे क्या एक्शन हो, इसका फैसला लेंगे.
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