नई दिल्ली:
अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के दायरे में अब सालाना छह लाख रुपये तक की आय वाले लोग शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि देश भर में क्रीमी लेयर की सीमा लागू करने के लिए अब तक आय सीमा 4.5 लाख रुपये सालाना थी।
नई आय पात्रता छह लाख रुपये सालाना होगी यानी छह लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। क्रीमी लेयर को बाहर रखने के इरादे से की गई आय सीमा में यह बढ़ोतरी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में बढ़ोतरी को देखते हुए की गई है।
विज्ञप्ति के मुताबिक इससे अन्य पिछड़े वर्ग के अधिक से अधिक लोग सरकारी सेवाओं और केन्द्रीय शैक्षिक संस्थानों में मिल रही आरक्षण सुविधा का फायदा उठा सकेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे समाज में समानता और समावेशीकरण बढ़ेगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि देश भर में क्रीमी लेयर की सीमा लागू करने के लिए अब तक आय सीमा 4.5 लाख रुपये सालाना थी।
नई आय पात्रता छह लाख रुपये सालाना होगी यानी छह लाख रुपये सालाना से अधिक आय वाले अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। क्रीमी लेयर को बाहर रखने के इरादे से की गई आय सीमा में यह बढ़ोतरी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में बढ़ोतरी को देखते हुए की गई है।
विज्ञप्ति के मुताबिक इससे अन्य पिछड़े वर्ग के अधिक से अधिक लोग सरकारी सेवाओं और केन्द्रीय शैक्षिक संस्थानों में मिल रही आरक्षण सुविधा का फायदा उठा सकेंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे समाज में समानता और समावेशीकरण बढ़ेगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी करेंगे।
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