प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले वित्तीय प्रबंधन में खामियों की ओर इशारा करते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पर्याप्त आंतरिक प्राप्तियां उत्पन्न करने में असमर्थ थे और वे अनुदान के लिए सरकार पर निर्भर रहे. यह रिपोर्ट वर्ष 2014-19 की अवधि के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के प्रदर्शन के अंकेक्षण पर आधारित है.
रिपोर्ट में कहा गया, ''ऑडिट में पाया गया कि आईआईटी द्वारा किए गए वित्तीय प्रबंधन में खामियां थीं. पूंजी परिव्यय को संशोधित करना पड़ा क्योंकि बुनियादी ढांचे के निर्माण में देरी हो रही थी. आईआईटी पर्याप्त आंतरिक प्राप्तियां उत्पन्न करने में असमर्थ थे और इस प्रकार वे अनुदान के लिए सरकार पर निर्भर बने रहे.''
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि सभी आठ आईआईटी में परास्नातक कार्यक्रमों में दाखिले में कमी दर्ज की गई.
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