राफेल डील (Rafale Deal) पर सीएजी रिपोर्ट बुधवार को राज्यसभा में पेश कर दी गई है. इस रिपोर्ट (CAG Report) में इसे 126 विमानों वाली पिछली डील से बेहतर बताया गया है. साथ ही कहा गया है कि पिछली डील में बदलाव करने से देश का 17.08 फीसदी रकम बची है. रिपोर्ट में कहा गया है, '126 विमानों के लिए किए गए सौदे की तुलना में भारत ने भारतीय आवश्यकतानुसार करवाए गए परिवर्तनों के साथ 36 राफेल विमानों के सौदे में 17.08 फीसदी रकम बचाई है.' इसके साथ ही इसमें कहा गया है, 'पहले 18 राफेल विमानों का डिलीवरी शेड्यूल उस शेड्यूल से पांच महीने बेहतर है, जो 126 विमानों के लिए किए गए सौदे में प्रस्तावित था.' राज्यसभा में पेश की गई भारतीय वायुसेना में कैपिटल एक्विज़िशन्स पर सीएजी रिपोर्ट में 16 पन्नों में राफेल सौदे के बारे में जानकारी दी गई है.
साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऑडिट में देखा गया कि भारतीय वायुसेना ने ASQR (एयर स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स) की परिभाषा तय नहीं की थी. परिणामस्वरूप कोई भी वेंडर ASQR का पूरी तरह पालन नहीं कर पाया. प्रोक्योरमेंट प्रोसेस के दौरान ASQR लगातार बदले जाते रहे. इसकी वजह से तकनीकी तथा कीमत मूल्यांकन के समय दिक्कतें हुईं, तथा प्रतियोगी टेंडरिंग को नुकसान पहुंचा, जो एक्विज़िशन प्रक्रिया में देरी की प्रमुख वजह रहा.'
CAG report on #RafaleDeal : A Defence Ministry team in March 2015 recommended the scrapping of the 126 Rafale deal saying that Dassault Aviation was not the lowest bidder and EADS (European Aeronautic Defence & Space Company) was not fully compliant with the tender requirements. pic.twitter.com/tjRujrf275
— ANI (@ANI) February 13, 2019
इसके अलावा बताया गया, 'रक्षा मंत्रालय की टीम ने मार्च, 2015 में सिफारिश की थी कि 126 विमानों के सौदे को रद्द कर दिया जाए. टीम ने कहा था कि दसॉ एविएशन सबसे कम कीमत देने वाला नहीं है, तथा EADS (यूरोपियन एयरोनॉटिक डिफेंस एंड स्पेस कंपनी) टेंडर रिक्वायरमेंट को पूरी तरह पूरा नहीं करती.'
CAG Report: It created difficulties during technical&price evaluation&affected integrity of competitive tendering;one of the main reasons for delay in acquisition process.Objectivity,equity&consistency of technical evaluation process wasn't evident in Technical Evaluation Report. https://t.co/ZKYx7rxg1Z
— ANI (@ANI) February 13, 2019
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सीएजी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश होने के बाद एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट भी गलत हो, 'सीएजी भी गलत हो, सिर्फ परिवार ही सही हो. सत्यमेव जयते. सच्चाई की हमेशा जीत होती है. राफेल पर सीएजी रिपोर्ट से सच की पुष्टि हुई. लोकतंत्र उन्हें कैसे दंडित करता है, जो लगातार देश से झूठ बोलते रहे हों. सीएजी रिपोर्ट से 'महाझूठबंधन' के झूठों की पोल खुल गई है.'
2016 vs. 2007 terms – Lower price, faster delivery, better maintenance, lower escalation.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 13, 2019
राफेल डील पर सीएजी रिपोर्ट पेश होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपी चेयपर्सन सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार सुबह के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता भी प्रदर्शन में शामिल थे. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ में कागज के जेट दिखाई दिए हैं.
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बता दें, राफेल डील को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार पीएम मोदी पर निशाना साध रहे हैं. मंगलवार को राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि राफेल डील में वे अनिल अंबानी के मिडिल मैन की तरह काम कर रहे थे. इसी दौरान जब उनसे राफेल डील पर कैग की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया तो राहुल ने कैग को ‘चौकीदार ऑडिटर जनरल' नाम देते हुए कहा कि मौजूदा कैग राजीव महर्षि से सही रिपोर्ट की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि वह इस रक्षा सौदे का हिस्सा रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि कैग की रिपोर्ट नरेंद्र मोदी की रिपोर्ट है.
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उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट चौकीदार के द्वारा और चौकीदार के लिए लिखी गई है'. उन्होंने कहा कि राफेल मामले में बहुत सारे साक्ष्य सामने आए हैं. मौजूदा कैग खुद इस रक्षा सौदे से जुड़े फैसले में शामिल रहे हैं, ऐसे में वह सही रिपोर्ट नहीं दे सकते.
साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि अब साफ हो गया है कि राफेल सौदे में घोटाला हुआ है. एक ई-मेल सामने आया है. प्रधानमंत्री मोदी अनिल अंबानी के मिडिल मैन की तरह काम कर रहे थे. राहुल गांधी ने कहा कि अनिल अंबानी ने फ्रांस के रक्षा मंत्री को सौदे की जानकारी दी. यानी उन्हें पहले ही पता था. जबकि एचएएल, डिफेंस मिनिस्टर और विदेश सचिव को भी यह नहीं पता था. पीएम को यह बताना चाहिए कि आखिर अनिल अंबानी को डील से 10 दिन पहले ही कैसे सब पता चल गया.
(इनपुट- एजेंसियां)
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