विज्ञापन
Story ProgressBack

देश के सबसे बड़े फैसले लेती है CCS, जानें मोदी के ये चार मंत्री क्यों हैं सबसे पावरफुल

कैबिनेट कमेटियों में तीन से आठ तक सदस्य हो सकते हैं. आमतौर पर इनमें केवल कैबिनेट मंत्रियों को ही शामिल किया जाता है.स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को इन कमेटियों में सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया जा सकता है. जिस कमेटी में प्रधानमंत्री शामिल होते हैं, उसके प्रमुख वो खुद होते हैं.

Read Time: 5 mins
देश के सबसे बड़े फैसले लेती है CCS, जानें मोदी के ये चार मंत्री क्यों हैं सबसे पावरफुल
नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार केंद्र सरकार की कमान संभाल ली है.नौ जून को शपथ लेने वाली कैबिनेट के मंत्रियों को मंत्रालय आबंटित कर दिए गए हैं. मोदी 3.0 की खास बात यह है कि मोदी ने चार अहम मंत्रालय के मंत्रियों में बदलाव नहीं किया है. रक्षा, गृह, विदेश और वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी पिछली सरकार के मंत्रियों को ही दी गई है. प्रधानमंत्री और इन चार मंत्रियों से मिलकर सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति का गठन होता है. आइए जानते हैं कि इस समिति को सरकार का सबसे शक्तिशाली समिति क्यों कहा जाता है.

मोदी 3.0 में भी रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह, गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी अमित शाह, विदेश मंत्रालय की जानकारी डॉक्टर एस जयशंकर और वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण को दी गई है. इन मंत्रालयों में बीजेपी ने सहयोगी दलों के साथ कोई समझौता नहीं किया है. ये चारों विभाग बीजेपी के पास ही हैं. 

कैबिनेट कमेटियों का गठन

कैबिनेट के शपथ ग्रहण और मंत्रालयों का बंटवारा हो जाने के बाद प्रधानमंत्री अलग-अलग कैबिनेट कमेटियों का गठन करते हैं. इसमें मंत्रिमंडल के सदस्यों को शामिल कर उन्हें खास तरह के काम सौंपे जाते हैं. प्रधानमंत्री के पास यह अधिकार होता है कि वो इन समितियों की संख्या को घटा-बढ़ा सकते हैं और उनके काम का बंटवारा कर सकते हैं. 

इन कैबिनेट कमेटियों में तीन से आठ तक सदस्य हो सकते हैं. आमतौर पर इनमें केवल कैबिनेट मंत्रियों को ही शामिल किया जाता है.स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों और राज्य मंत्रियों को इन कमेटियों में सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया जा सकता है. जिस कमेटी में प्रधानमंत्री शामिल होते हैं, उसके प्रमुख वो खुद होते हैं.ये कमेटियां मुद्दों का समाधान कर कैबिनेट के विचार के लिए प्रस्ताव तैयार करती हैं. इसके अलावा वो उन मामलों पर फैसले लेतीं हैं, जो उन्हें सौंपे गए होते हैं. इन कमेटियों के फैसलों की समीक्षा का अधिकार कैबिनेट के पास है. 

मोदी सरकार की कैबिनेट कमेटियां

मनमोहन सिंह के नेतृ्त्व वाली यूपीए की सरकार में 10 से अधिक मंत्रियों के समूह (जीओएम) और अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) के अलावा 12 कैबिनेट कमेटियां गठित की गई थीं. 

वहीं नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में 31 दिसंबर 2023 तक आठ कैबिनेट कमेटियां थीं. इनमें कैबिनेट की नियुक्ति समिति, आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी, राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी, निवेश और विकास पर कैबिनेट कमेटी, सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी, संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी, रोजगार और कौशल विकास पर कैबिनेट कमेटी और आवास मामले की कैबिनेट कमेटी. आवास पर कैबिनेट कमेटी और संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी को छोड़कर सभी कमेटियों के अध्यक्ष पीएम होते हैं. 

क्या काम करती हैं सीसीएस

इन्हीं कमेटियों में से एक है सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी. इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं. प्रधानमंत्री के अलावा इसमें रक्षा मंत्री, गृह मंक्षी, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री शामिल होते हैं.राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों पर फैसला लेने वाली यह सबसे बड़ी कमेटी है.इसके अलावा यह कमेटी रक्षा संस्थानों में अधिकारियों की नियुक्तियों से लेकर रक्षा नीति, रक्षा खर्च और देश की सुरक्षा से जुड़े सभी मामलों पर फैसले लेती है.रक्षा संबंधी मुद्दों को देखने के अलावा यह कमेटी कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर फैसले लेती है. विदेशी मामलों से संबंधित नीतिगत मामलों पर भी यही कमेटी विचार करती है. परमाणु ऊर्जा से संबंधित मामलों पर भी विचार करने का काम भी सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी ही करती है. 

पहले सहयोगी दलों को भी मिली है जगह

इस बार बीजेपी ने इस कमेटी पर अपने सहयोगियों के साथ कोई समझौता नहीं किया है. इसलिए बीजेपी रक्षा, गृह, विदेश और वित्त मंत्रालय अपने पास ही रखे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि ऐसा पहले भी होता रहा है.इससे पहले 1996 की एचडी देवेगौड़ा सरकार में चार अलग-अलग दलों के नेता इसमें शामिल थे. देवगौड़ा ने 1 जून 1996 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. उस सरकार में समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री. तमिल मनीला कांग्रेस के पी चिदंबरम वित्त मंत्री और सीपीआई के इंद्रजीत गुप्ता गृह मंत्री बनाए गए थे. 

वहीं अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में समता पार्टी के जॉर्ज फर्नांडीज को रक्षा मंत्री रहे. उनके अलावा सीसीएस के मंत्रालयों में बीजेपी के ही लोग मंत्री थे.वहीं कांग्रेस के नेतृत्वा वाली यूपीए सरकार में सीसीएस के सभी पद कांग्रेस ने अपने पास रखे. इसी तरह से नरेंद्र मोदी की पिछली दो सरकारों में भी ये चारों पद बीजेपी के ही पास रहे. 

ये भी पढ़ें: मोदी 3.0 ने शुरू किया 125 दिन के एजेंडे पर काम, जानें- लिस्ट में क्या है टॉप पर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
आगे बढ़ रहा मानसून, लेकिन परेशानी कम नहीं, मौसम विभाग ने जानिए कहां-कहां दी भारी बारिश की चेतावनी
देश के सबसे बड़े फैसले लेती है CCS, जानें मोदी के ये चार मंत्री क्यों हैं सबसे पावरफुल
कैसे वधावन बंदरगाह देगा भारत को वैश्विक पहचान, पैदा होगी लाखों नौकरियां
Next Article
कैसे वधावन बंदरगाह देगा भारत को वैश्विक पहचान, पैदा होगी लाखों नौकरियां
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;