उत्तराखंड में बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनावों की घोषणा होते ही बीजेपी और कांग्रेस हरकत में आ गई है. बीजेपी दोनों सीटे जीतकर विधायकों की संख्या 47 से 49 करना चाहती है तो कांग्रेस लगातार जीत रही भाजपा का विजय रथ ये दोनों सीटे जीतकर रोकना चाहती है.
सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख घोषित होते ही बीजेपी-कांग्रेस ने बद्रीनाथ विधानसभा और मंगलोर विधानसभा को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया. दरअसल, बद्रीनाथ विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र भंडारी ने चुनाव जीता था और मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को इस सीट से हर का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद यह सीट खाली हो गई. बद्रीनाथ विधानसभा गढ़वाल संसदीय सीट के अंतर्गत आता है और यहां पर भाजपा ने साढ़े 8 हजार से ज्यादा मतों से यह सीट लोकसभा चुनाव में जीती है.
इसके अलावा हरिद्वार लोकसभा के अंतर्गत आने वाली मंगलोर विधानसभा सीट से बसपा प्रत्याशी सरबत करीम अंसारी के निधन के बाद मंगलोर विधानसभा सीट खाली हुई. 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट को लगभग 22000 वोटो से जीत हासिल की है. इन समीकरणों को देखकर यह माना जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों इन सीटों को अपने नाम करना चाहती है. लेकिन लोकसभा चुनाव और चंपावत ,बागेश्वर के उपचुनाव की जीत के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद है. बीजेपी का दावा है कि दोनों उपचुनाव उन्हीं के पक्ष में रहेंगे.
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इस दोनों विधानसभा सीटों के आंकड़ों पर नजर डाले तो मंगलोर विधानसभा में 116225 टोटल वोटर थे जिसमें बसपा के सरबत करीम अंसारी को 32567 वोट मिले जो 37.18 प्रतिशत था, तो वहीं कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 32062 वोट मिले, जो 36.5 प्रतिशत था. इसके अलावा भाजपा के दिनेश सिंह पवार को 18763 वोट मिले जो 21.36 प्रतिशत था.
वही साल 2022 में बद्रीनाथ विधानसभा में 104795 मतदाता थे, जिसमें कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी को 3266 1 वोट मिले जो 47.88% था. भाजपा के महेंद्र भट्ट को 30595 वोट मिले जो 44.85 प्रतिशत था. मंगलौर में सीधी टक्कर बसपा और कांग्रेस की रही है, क्योंकि यहां मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में है तो दूसरी तरफ बद्रीनाथ विधानसभा में सीधी टक्कर कांग्रेस और भाजपा के बीच रही है.
कांग्रेस बद्रीनाथ विधानसभा में मिली हार का बदला इस उपचुनाव में लेना चाहती है. यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा चुनाव की घोषणा होते ही बद्रीनाथ विधानसभा का दौरा करने चले गए हैं तो वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी इस विधानसभा का दौरा करने निकल गए हैं. क्योंकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट इसी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. इस नाते यह महेंद्र भट्ट की भी परीक्षा की घड़ी है.
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