दिल्ली सरकार के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा बुराड़ी में नाबालिग के साथ शारीरिक शोषण की घटना को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, बुराड़ी पीड़िता एक गोद ली हुई बच्ची है. उसे 2007 में गोद लिया गया था. अक्टूबर 2020 मे पिता की मौत के बाद वह डिप्रेशन मे आ गई थी. बच्ची के पिता की मौत कोविड के समय हुई लेकिन मौत कोविड से नहीं हुई, इसलिए बच्ची का नाम कोविड पोर्टल में नहीं था.
पीड़िता की माँ ने बताया कि आरोपी डिप्टी डायरेक्टर ने उसकी माँ को इस बात के लिए मनाया था कि उनकी बेटी आरोपी के घर सुरक्षित रहेगी. माँ ने अपने पति की मौत के के महज दो हफ्ते की भीतर पीड़िता को प्रीमोदय खाखा के घर शिफ्ट कर दिया था.
पीड़िता के साथ पहली बार 31 अक्टूबर 2020 को हुआ शारीरिक शोषण
पुलिस की जांच मे सामने आया कि पीड़िता के साथ पहली बार शारीरिक शोषण 31 अक्टूबर,2020 को हुआ था.आरोपी डिप्टी डायरेक्टर ने पीडिता को पानी मे कोई नशीला पदार्थ दिया था. जिसके बाद उसका शोषण किया था और जब पीड़िता होश में आयी तब उसको महसूस हुआ कि उसके प्राइवेट पार्ट मे चोट लगी है. इतना ही नहीं, फरवरी 2021 में उसके साथ फिर से शारीरिक शोषण हुआ था.
गर्भवती होने पर प्रमोडे खाखा की पत्नी के पीड़िता का करवाया अबॉर्शन
पीड़िता मार्च 2021 मे अपने एक फैमिली फंक्शन में झारखंड गई और फ़िर वापस डिप्टी डायरेक्टर के घर नही आयी. इस बीच पीड़िता गर्भवती भी हुई और उसने इसके बारे मे प्रमोडे खाखा की पत्नी सीमा को बताया. लेकिन सीमा ने उसके साथ ही गलत व्यवहार किया और अपने बेटे की मदद से उसका अबॉर्शन करवाया.
पुलिस सीसीटीवी और कॉल डिटेल रिकॉर्ड की मदद से कर रही जांच
अभी तक की पूछताछ मे आरोपी अधिकारी सहयोग नही कर रहा है और पुलिस को बरगलाने की कोशिश कर रहा है. आरोपी आधिकारिक का कहना है कि जो उस पर आरोप लगे है वो पूरी तरह गलत हैं. पीड़िता अपनी फैमिली के साथ कई बार उनके घर जरूर आयी है लेकिन उसने ऐसा कुछ नही किया. वहीं, पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी और कॉल डिटेल रिकॉर्ड की मदद से सभी तथ्यों की जांच कर रही है. जो सीसीटीवी सामने आया है उसमें आरोपी अपने वकील के पास बेल की बात करने जाते हुए दिख रहा है.
वारदात के वक़्त असिस्टेंट डायरेक्टर था आरोपी
प्रीमोदय खाखा, शक्ति इन्क्लेव बुराड़ी का रहने वाला है. पीछे से हज़ारीबाग़ का रहने वाला है. उसके पिता टिस्को से रिटायर्ड हैं. उसका बेटा हर्ष 21 साल, बेटी 22 साल की प्रतीक्षा है. प्रीमोदय 1998 में दिल्ली सरकार में वेलफेयर ऑफिसर के तौर पर भर्ती हुआ था. निर्भया केस में नाबालिग आरोपी जिस बाल सुधार गृह में था, उसमें प्रीमोदय सुप्रिटेंडेंट था. मार्च 2022 में कैलाश गहलोत के कहने पर उसे महिला बाल विकास विभाग में मंत्री कैलाश गहलोत का OSD बनाया गया.
मार्च 2023 में जब आतिशी इस मंत्रालय की मंत्री बनी तो उसे OSD के पद से हटा दिया गया. वारदात के वक़्त असिस्टेंट डायरेक्टर था, अब डिप्टी डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहा था
पिता की मौत के बाद बच्ची को लगा सदमा
जानकारी के मुताबिक, बच्ची पिता से ज्यादा प्यार करती थी. पिता की मौत के बाद बच्ची सदमे में रही, इसीलिए वो किसी को कुछ बताने की स्थिति में नहीं थी.वो डिप्रेशन में थी और उसे पैनिक अटैक आ रहे थे. बच्ची उत्तरी दिल्ली के नामी स्कूल में पढ़ती थी. लेकिन डिप्रेशन के चलते उसने वहां से पढ़ाई छोड़ दी और अब एक ओपन स्कूल से 10वीं कर रही थी.
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