
वित्तमंत्री निर्मला सितारमण ने शनिवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया. इसमें उन्होंने कई सुधारों का ऐलान किया है. सबसे बड़ा ऐलान आयकर की सीमा बढ़ाने का है. उन्होंने कहा है कि नई कर व्यवस्था में अब 12 लाख सालाना की आय पर कोई कर नहीं लगेगा. इसके साथ ही उन्होंने किसानों के लिए पीएम धन धान्य योजना शुरू करने की भी ऐलान किया है. सरकार की इन घोषणा की लोगों ने स्वागत किया है. पीएम नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट एक क्रांतिकारी बजट है.
बजट को क्यों बताया क्रांतिकारी
सरकार ने भारत के विकास के लिए इस बजट के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. सरकार ने इनकम टैक्स का दायरा बढ़ाकर एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. इससे लोगों को क्रयशक्ति में बहुत बड़ा इजाफा होगा. इस फैसले के बाद लोग अब और खुलकर खर्च कर पाएंगे. मैंने भी कभी अनुमान नहीं लगाया था कि 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो जाएगी. इसके बाद जो कर लगेगा वह भी बहुत अधिक नहीं है. सरकार ने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का घाटा स्वीकार किया है. यह एक क्रांतिकारी कदम है. देखने वाली बात यह है कि इसके बाद भी फिसिकल डेफिसिट में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है. उसके 4.5 फीसदी ही रहने का अनुमान है. इस तरह से सरकार ने जो खाका खिंचा है, उससे पता चलता है कि जीडीपी पर कर्ज को जो बोझ है, वह भी उतार की दिशा में है.

लोकसभा में शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करतीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण.
विकास को बढ़ावा देने वाला बजट
यह बजट विकास पर चार तरह से सकारात्मक प्रभाव डालेगा. आयकर की सीमा बढ़ाने से लोगों के कंजप्शन पर असर पड़ेगा. ग्रोथ बढ़ाने के लिए इनवेस्टमेंट रेशियों को बढ़ाना पड़ता है. इसके लिए सरकार ने कई ऐलान किए हैं. सरकार ने कृषि क्षेत्र में पूंजी निवेश किस प्रकार होगा, इसका ऐलान किया है. सरकार ने दलहन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की घोषणा की है. सरकार ने एमएसएमई और शहरी क्षेत्र के लिए कई ऐलान किए हैं. ये सारे ऐलान विकास को रफ्तार देने वाले हैं. इन सबको देखें तो सरकार ने आर्थिक सर्वे में जिस 6.3-6.8 फीसदी के विकास दर का अनुमान लगाया है, उसे हासिल करने में कोई परेशानी नहीं आएगी.
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में रोजगार बढ़ाने के उपायों का ऐलान किया है. उन्होंने युवाओं का कौशल बढ़ाने और शिक्षा के विकास पर जोर दिया है. सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में निवेश पर जो जोर दिया है. पर्यटन का रोजगार निर्माण में बहुत योगदान होता है, वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में इसका उल्लेख भी किया है. इन सब बातों को अगर हम समग्र रूप से देखें तो रोजगार के नजरिए से भी यह एक क्रांतिकारी बजट है.

वित्तमंत्री ने बजट भाषण में सरकार नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग मिशन शुरू करने की घोषणा की है.
क्या भारत बन पाएगा मैन्यूफैक्चरिंग हब
सरकार ने नेशनल मैन्यूफैक्चरिंग मिशन का ऐलान किया है. इससे विकसित भारत का सपना पूरा होगा. इससे पहले कहा जाता था कि भारत सर्विस सेक्टर के साथ साफ्ट पावर बनेगा और चीन मैन्यूफैक्चरिंग हब बन चुका है. लेकिन अब सरकार ने यह तय किया है कि हम सर्विस सेक्टर को बढावा देते रहेंगे लेकिन उसके साथ-साथ ही भारत को मैन्यूफैक्चरिंग का पावर हाउस बनाना भी शुरू करेंगे. यह मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम साबित होगा.
डोनाल्ड ट्रंप से कितना आगे सोचते हैं पीएम मोदी
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की बात करते हैं और अब हम इंडिया फर्स्ट की बात कर रहे हैं. ट्रंप आज जो बात कर रहे हैं, वह बात पीएम नरेंद्र मोदी बहुत पहले सोच चुके थे. पीएम मोदी ने कुछ साल पहले आत्मनिर्भर भारत की बात की थी, इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह की बातें की गई थीं, भारत की आलोचना की गई थी, लेकिन आज वही लोग मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की बात कर रहे हैं. यही बात पीएम मोदी आत्मनिर्भर भारत के रूप में बहुत पहले ही कह चुके थे. आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत के लिए बड़ा योगदान कर सकता है. यह बजट इस दिशा में उठाया गया एक बहुत बड़ा सकारात्मक कदम है.
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