सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान सीमा पर निगरानी करने और हथियारों, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए बहुत प्रभावी ढंग से ड्रोन का उपयोग कर रहा है. अस्थाना ने एयो इंडिया 2021 प्रदर्शनी में औद्योगिक संस्था एफआईसीसीआई द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में कहा कि पश्चिमी मोर्चे (पाकिस्तानी सीमा) पर 2019 में 167 बार ड्रोन देखे गए थे, जबकि 2020 में इस मोर्चे पर 77 बार ड्रोन देखे गए.
उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थ गिराने की घटनाएं हुई हैं, खासकर पंजाब और जम्मू सेक्टर में.
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वहीं, एक अन्य खबर के मुताबिक भारत सरकार एक हजार फुट से नीचे के वायुक्षेत्र में ड्रोन के परिचालन के लिए निजी हवाई यातायात नियंत्रक (एटीसी) को कार्य करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है. यह जानकारी नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को दी. नागर विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अम्बर दुबे ने कहा, ‘ड्रोन एटीसी को यूटीएम (मानवरहित यातायात प्रबबंधन) कहा जाएगा और यह मानवयुक्त यातायात प्रबंधन के साथ समन्वय करेगा, जो मौजूदा समय में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का संप्रभु कार्य है.'
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एएआई मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और भारतीय हवाई क्षेत्र में सभी मानवयुक्त विमानों के परिचालन का प्रबंधन करता हैं. यात्री विमान सामान्य तार पर करीब 30 हजार की फुट की ऊंचाई से गुजरते हैं. एरो इंडिया 2021 में फिक्की द्वारा आयोजित सत्र में दुबे ने कहा, ‘एक हजार फुट से नीचे का हवाई क्षेत्र ड्रोन विमानों के परिचालन का मुख्य क्षेत्र है. उसके लिए हमारे पास निजी एटीसी की प्रणाली हो सकती है, जिसका प्रबंधन निजी ऑपरेटर करेंगे.'
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं