केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने यहां की एक विशेष अदालत में कहा कि भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता (K Kavitha) ने अरबिन्दो फार्मा के प्रवर्तक शरत चंद्र रेड्डी को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (Delhi Liquor Policy) के तहत उनकी कंपनी को आवंटित पांच खुदरा क्षेत्र के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) को 25 करोड़ रुपये की राशि देने की कथित तौर पर ‘‘धमकी'' दी थी. सीबीआई के अनुसार, कविता ने रेड्डी से कहा था कि अगर वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को पैसा नहीं देते हैं तो तेलंगाना और दिल्ली में उनके कारोबार को नुकसान पहुंचेगा.
दिल्ली में कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में आरोपी रेड्डी मामले में सरकारी गवाह बन गया है. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. सीबीआई ने अभी तक उसके खिलाफ कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है. बीआरएस नेता कविता से हिरासत में पूछताछ का अनुरोध करते हुए सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा को बताया कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता के ‘‘जोर देने पर और आश्वासन पर'', रेड्डी दिल्ली में शराब कारोबार से जुड़ा.
कविता ने रेड्डी को कथित तौर पर आश्वासन दिया था कि उनके दिल्ली सरकार में संपर्क हैं और वह आबकारी नीति के तहत राष्ट्रीय राजधानी में शराब के कारोबार में उनकी मदद करेंगी जो अब निरस्त हो चुकी है. सीबीआई ने शुक्रवार को अदालत को बताया, "कविता ने शरत चंद्र रेड्डी से कहा था कि शराब कारोबार करने के लिए आम आदमी पार्टी को प्रत्येक खुदरा क्षेत्र के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये का भुगतान करना है और इतना ही भुगतान उनके साथियों अरुण आर पिल्लई और अभिषेक बोइनपल्ली को करना है जो बदले में विजय नायर से समन्वय करेंगे जो कि अरविंद केजरीवाल (दिल्ली के मुख्यमंत्री) का प्रतिनिधि था."
अदालत ने कविता को 15 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है. जांच एजेंसी के अनुसार, मार्च और मई 2021 में जब आबकारी नीति तैयार की जा रही थी तो पिल्लई, बोइनपल्ली और बुचिबाबू गोरंटला कुछ प्रावधान जोड़कर नायर के माध्यम से नीति को अपने पक्ष में करने के लिए दिल्ली में ओबरॉय होटल में रुके थे.
सीबीआई ने आरोप लगाया कि कविता से सहयोग का आश्वासन मिलने के बाद अरबिन्दो रिएलिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने मार्च 2021 में कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत एनजीओ तेलंगाना जागृति को 80 लाख रुपये दिए थे. उसने कहा, "जांच में पता चला कि जून-जुलाई 2021 में के. कविता ने शरत चंद्र रेड्डी को तेलंगाना के महबूब नगर में स्थित एक कृषि भूमि के लिए उनके साथ बिक्री समझौता करने के लिए मजबूर किया जबकि वह उस जमीन को खरीदना नहीं चाहता था और उसे जमीन की कीमत भी नहीं पता थी."
सीबीआई ने रेड्डी के बयान और अपनी जांच के हवाले से अदालत को बताया कविता ने इस पर 'जोर दिया' कि रेड्डी जमीन के बदले में 14 करोड़ रुपये का भुगतान करे और उसे जुलाई 2021 में अरबिंदो समूह की कंपनियों में से एक माहिरा वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बिक्री समझौता करने के लिए 'मजबूर' किया. उसने कहा कि कविता को बैंक लेनदेन के माध्यम से कुल 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया - जुलाई 2021 में 7 करोड़ रुपये और नवंबर 2021 में 7 करोड़ रुपये.
एजेंसी ने आरोप लगाया कि नंवबर और दिसंबर 2021 में कविता ने रेड्डी को आवंटित पांच खुदरा जोन के लिए 25 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा. बीआरएस नेता ने दावा किया था कि उन्होंने खुद आबकारी नीति में अनुकूल प्रावधान प्राप्त करने के लिए रेड्डी की ओर से नायर के माध्यम से ‘आप' को 100 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि का भुगतान किया था.
एजेंसी ने रेड्डी के बयान के हवाले से आरोप लगाया, "हालांकि, जब शरत चंद्र रेड्डी ने यह पैसा देने से इनकार किया तो के. कविता ने आबकारी नीति के तहत तेलंगाना और दिल्ली में उसके कारोबार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी थी." ‘आप' ने 24 मार्च को आरोप लगाया था कि रेड्डी की कंपनी ने चुनावी बॉण्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 59.5 करोड़ रुपये दिए थे.
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