- बोत्सवाना ने परियोजना चीता के अगले चरण के तहत भारत को आठ चीते उपहार स्वरूप सौंपे हैं.
- 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत बोत्सवाना के मोकोलोडी नेचर रिजर्व में औपचारिक रूप से भारत को आठ चीते सौंपे.
- राष्ट्रपति बोत्सवाना के घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन सेंटर में छोड़े जाने की साक्षी बनीं.
बोत्सवाना ने परियोजना चीता (Project Cheetah) के अगले चरण के लिए भारत को आठ चीते भेंट किए हैं. इस फैसले की घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बोस्तवाना दौरे के दौरान की गई है. राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको ने 'प्रोजेक्ट चीता' के अगले चरण के तहत बोत्सवाना के मोकोलोडी नेचर रिजर्व में औपचारिक रूप से भारत को आठ चीते सौंपे. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू बोत्सवाना के घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन सेंटर में छोड़े जाने की साक्षी बनीं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोत्सवाना की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं. राष्ट्रपति के आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट से किए गए पोस्ट में लिखा है, "भारत-बोत्सवाना वन्यजीव संरक्षण साझेदारी में एक नया अध्याय. बोत्सवाना के मोकोलोडी नेचर रिजर्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको ने भारत और बोत्सवाना के विशेषज्ञों की तरफ से घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन सेंटर में छोड़े जाने के साक्षी बने. यह कार्यक्रम 'प्रोजेक्ट चीता' के अगले चरण के तहत बोत्सवाना की ओर से भारत को आठ चीते उपहार में दिए जाने का प्रतीक था."

राष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय को किया संबोधित
इसके बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोत्सवाना के गैबोरोन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे बताया गया है कि बोत्सवाना में 10 हजार भारतीय नागरिक व्यापार और उद्योग समेत अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय रूप से शामिल हैं. मैं आप सभी को भारत के गौरवशाली राजदूत होने पर बधाई देती हूं."
परियोजना चीता को 17 सितम्बर, 2022 को लांच किया गया था. इसके तहत सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया था. इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से बारह चीतों को स्थानांतरित किया गया.
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से अधिकांश चीते अपने नए परिवेश में अच्छी तरह ढल गए हैं. 2023 में एक मादा चीता ने 75 साल के बाद भारत की धरती पर शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद 3 जनवरी, 2024 को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में भी नामीबियाई चीता आशा के तीन शावकों का जन्म हुआ था.
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