अजान के समय कथित तौर पर तेज संगीत बजाने पर बेंगलुरु के एक दुकानदार के साथ मारपीट को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. दुकानदार का दावा है कि जब हमला हुआ तब वो मध्य बेंगलुरु की अपनी दुकान पर हनुमान चालीसा बजा रहा था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि उन्हें आरोप के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं मिला और शिकायत में इसका उल्लेख भी नहीं है. पुलिस ने ये भी स्पष्ट किया है कि विवाद सांप्रदायिक नहीं था.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "शिकायत में हनुमान चालीसा का कोई जिक्र नहीं है. दुकानदार पर हमला करने वाले समूह में हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल थे."
एफआईआर के मुताबिक रविवार शाम सिद्दनगल्ली में तेज आवाज में म्यूजिक बजाने को लेकर दुकानदार मुकेश और कॉलोनी के कुछ लोगों के बीच झगड़ा हो गया.
वहीं पीड़ित मुकेश ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "मैं हनुमान का भजन बजा रहा था. चार-पांच लोग आए और कहा कि अज़ान का समय हो गया है और अगर मैंने संगीत बजाना जारी रखा, तो उन्होंने मुझे पीटने की धमकी दी. बहस के बाद उन्होंने मुझे पीटा और मुझे फिर से धमकी दी कि वे मुझे चाकू मार देंगे."
इस हमले के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने कहा कि जांच अभी भी जारी है. पुलिस ने बताया कि तीन आरोपियों में से दो मुस्लिम हैं, जबकि एक हिंदू है.
उन्होंने हिंदुओं और हिंदू प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, "सिद्धारमैया की 'तुष्टिकरण की राजनीति' ने राज्य में लोगों को हिंसा करने के लिए प्रोत्साहित किया है."
भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या ने कल दोपहर में मुकेश की दुकान पर एक बड़े कार्यक्रम की घोषणा की है, जहां वो लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से ये सुनिश्चित करने को कहा कि "हनुमान चालीसा" पूरे इलाके में गूंजे. हालांकि, पुलिस ने बीजेपी को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
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