विज्ञापन
This Article is From Jan 22, 2013

महिलाओं के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की पहल, दो विशेष अदालतें गठित

महिलाओं के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट की पहल, दो विशेष अदालतें गठित
मुंबई: देशभर में महिलाओं पर अत्याचार के लंबित मामलों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक नई पहल की है, और दो विशेष अदालतों का गठन किया है, जो सिर्फ महिलाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई करेंगी, जिनमें आपराधिक और दीवानी मुकदमे शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस बेंच ने अपने पहले ही मामले की पहली ही सुनवाई में पीड़ित महिला के पक्ष में फैसला सुना भी दिया है।

हाईकोर्ट की बेंच के पास पीड़ित मीता सिंह अपने तलाक के मुआवजे की राशि का मामला लेकर आई थीं। दरअसल, मीता सिंह का यह मामला तलाक के बाद पूर्व पति से सहायता राशि नहीं मिलने से जुड़ा था। मामले में अंधेरी कोर्ट और सेशन्स कोर्ट से फैसला मीता के पक्ष में होने के बावजूद उनके पूर्व पति ने उन्हें तय की गई आठ हजार रुपये माहवार की सहायता राशि नहीं दी थी।

मीता ने इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां उनके मामले को विशेष अदालत के सामने सुनवाई के लिए लाया गया, और पहली ही सुनवाई में अदालत ने मीता को तलाक की सहायता राशि तुरंत दिए जाने का आदेश दे दिया।

हाईकोर्ट की इस विशेष अदालत के फैसले के बाद मीता ने कहा, "मैं कई सालों से अदालतों के चक्कर लगा रही थी, लेकिन इंसाफ नहीं मिल रहा था।  लेकिन हाईकोर्ट में पहली ही सुनवाई के बाद फैसला आ गया, इसलिए ऐसी अदालतों से महिलाओं को फायदा होगा और लोगों में आत्मविश्वास बढ़ेगा।"

दरअसल महाराष्ट्र राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से राज्य भर में 35 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की दरख्वास्त की थी, जिन्हें महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए बनाया जाना था।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
महिलाओं के लिए अदालत, बॉम्बे हाईकोर्ट, महिला अदालत, फास्ट ट्रैक कोर्ट, Court Set Up For Women, Fast-track Court, Bombay High Court
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com