पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने रविवार को कहा कि संदेशखालि में ‘एक घटना कराई गई' और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं मीडिया के साथ मिलकर इसकी पटकथा लिखने का आरोप लगाया. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख बनर्जी ने यह भी कहा कि संदेशखालि में एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है और उन्होंने ही पुलिस को इस संबंध में स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश दिया था. टीएमसी नेताओं द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने और ज़मीनों पर कब्जा करने के आरोपों को लेकर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि क्षेत्र के गांवों में फरवरी के पहले हफ्ते से प्रदर्शन हो रहे हैं.
बनर्जी ने कहा, “ (संदेशखालि में) एक घटना घटी है. इसे कराया गया था. सबसे पहले, उन्होंने (भाजपा ने) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा और फिर ईडी के मित्र, भाजपा ने कुछ मीडियाकर्मियों के साथ संदेशखालि में प्रवेश किया और मीडिया ने हंगामा करना शुरू कर दिया.”
मुख्यमंत्री ने बीरभूम जिले के सूरी में राज्य सरकार द्वारा आयोजित सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा, 'संदेशखालि की एक भी महिला ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है. मैंने पुलिस को स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. हमारे ब्लॉक अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है.'
टीएमसी प्रमुख ने भाजपा पर हमला करते हुए सवाल किया कि क्या पार्टी ने अपने किसी दागी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई की है?
संदेशखालि में हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने अब तक स्थानीय टीएमसी नेता शिबप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों के खिलाफ ' सामूहिक बलात्कार' और 'हत्या के प्रयास' की धाराएं भी जोड़ी हैं जिनमें से एक अब भी फरार है.
बनर्जी ने कहा कि वह अपने अधिकारियों को संदेशखालि भेज रही हैं जो वहां स्थानीय लोगों से बात करके पता लगाएंगे कि शिकायतें वास्तविक हैं या नहीं.
... तो उन्हें सबकुछ लौटाया जाएगा : ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ने कहा, “बंगाल में लोगों पर अत्याचार होता है तो हम कार्रवाई करते हैं. मैं अधिकारियों को भेज रही हूं जो लोगों की बात सुनेंगे और अगर यह पता चलता है कि किसी ने उनसे चीजें ली हैं, तो उन्हें सब कुछ लौटाया जाएगा. यह मेरा वादा है.”
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का जिक्र करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा को चुनाव जीतने में मदद करने के लिए कई टीएमसी नेताओं को जेल में डाला गया है. इस कानून के तहत पूर्व मंत्रियों सहित टीएमसी के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है.
साल 1975-77 के बीच लागू रहे आपातकाल का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि 2,000 से अधिक लोगों को जेल में डालने के बाद भी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चुनाव नहीं जीत सकीं.
हमें विरोध करने का अधिकार है : ममता बनर्जी
उन्होंने कहा, 'आज भी, अगर कोई लोगों को धमकाकर, सीबीआई, ईडी और चुनाव आयोग का इस्तेमाल करके और लोगों को जेल में डालकर यही बात सोचता है, तो मैं कहूंगी कि हमें इसका विरोध करने का अधिकार है.'
मुख्यमंत्री ने पूछा कि हाल में उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में बीएसएफ की खाई में मिट्टी में दबने से चार बच्चों की मौत के बाद भाजपा ने वहां कितनी टीम भेजी थीं?
उन्होंने पूछा, 'जब दलितों और एससी-एसटी लोगों पर अत्याचार हुआ तो कितनी टीम भेजी गईं? बिलकिस बानो मामले के बाद कितनी टीम भेजी गईं?'
बनर्जी ने हरियाणा तथा पंजाब में किसान आंदोलन को लेकर कहा, “ मैं किसानों के विरोध को सलाम करती हूं. मैं उन पर हमलों की निंदा करती हूं. बंगाल में, किसान हमारे 'अन्नदाता' हैं जो हमें भोजन प्रदान करते हैं, लेकिन भाजपा द्वारा उनके साथ किए जा रहे व्यवहार को देखें. देखिए कैसे पंजाब, दिल्ली और हरियाणा जल रहा है। मुझे हमारे किसानों से सहानुभूति है.''
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