बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी में नवगठित बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं (फाइल फोटो)
लखनऊ:
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने उत्तर प्रदेश के पिछड़े और ब्राहमण समाज के लोगों के साथ विश्वासघात किया है. उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में आदित्यनाथ योगी और उनके सहयोगियों के शपथ लेने के तुरंत बाद मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपने (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एजेंडे पर चलकर खासकर उत्तर प्रदेश में ओबीसी और ब्राहमणों के साथ विश्वासघात किया है.
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने क्षत्रिय समाज के योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया जबकि इस बार चुनाव में उन्होंने पिछडी जाति से आने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को आगे कर किसी ना किसी रूप में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर ओबीसी वोट बटोरा था.
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने ब्राह्मण समाज के साथ भी दगाबाजी की है. ब्राह्मण समाज नाराज ना हो तो बीजेपी ने यह बोल दिया कि मौर्य को आगे कर पिछडों वोट ले लेंगे और फिर ब्राहमण को मुख्यमंत्री बना देंगे, इस तरह इस पार्टी ने दोनों को गुमराह किया.
उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के पास ज्यादा कुछ नहीं होता. मौर्य और डां दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाने की बजाए योगी अगर उन्हें कैबिनेट मंत्री बना देते तो एकाध विभाग उन्हें मिल जाता. पिछडों और ब्राहमणों को बीजेपी से सावधान रहने की हिदायत देते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी योगी को आगे कर ध्रुवीकरण के आधार पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है क्योंकि बीजेपी के लोगों को मालूम है कि जब केंद्र की बीजेपी सरकार अपने तीन साल के दौरान लोकसभा के चुनावी वायदों का एकचौथाई भी पूरा नहीं कर सकी है, तब फिर ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनावों में किए गए वायदे कैसे पूरा करेगी.
मायावती ने कहा कि उन्होंने इन्हीं कारणों से शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का फैसला किया था. इससे पहले मायावती ने बीजेपी पर ईवीएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने क्षत्रिय समाज के योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बना दिया जबकि इस बार चुनाव में उन्होंने पिछडी जाति से आने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को आगे कर किसी ना किसी रूप में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन देकर ओबीसी वोट बटोरा था.
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने ब्राह्मण समाज के साथ भी दगाबाजी की है. ब्राह्मण समाज नाराज ना हो तो बीजेपी ने यह बोल दिया कि मौर्य को आगे कर पिछडों वोट ले लेंगे और फिर ब्राहमण को मुख्यमंत्री बना देंगे, इस तरह इस पार्टी ने दोनों को गुमराह किया.
उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के पास ज्यादा कुछ नहीं होता. मौर्य और डां दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाने की बजाए योगी अगर उन्हें कैबिनेट मंत्री बना देते तो एकाध विभाग उन्हें मिल जाता. पिछडों और ब्राहमणों को बीजेपी से सावधान रहने की हिदायत देते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी योगी को आगे कर ध्रुवीकरण के आधार पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है क्योंकि बीजेपी के लोगों को मालूम है कि जब केंद्र की बीजेपी सरकार अपने तीन साल के दौरान लोकसभा के चुनावी वायदों का एकचौथाई भी पूरा नहीं कर सकी है, तब फिर ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनावों में किए गए वायदे कैसे पूरा करेगी.
मायावती ने कहा कि उन्होंने इन्हीं कारणों से शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का फैसला किया था. इससे पहले मायावती ने बीजेपी पर ईवीएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था.
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