दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को भाजपा आईटी सेल से संबंधित कुछ आरोप लगाने वाले यू्-ट्यूबर (YouTuber) ध्रुव राठी के एक वीडियो को रीट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है. हालांकि, इससे पहले केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गलती मान ली. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा कि अब क्या केस बंद कर दें...? इस मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.
सुप्रीम कोर्ट के पूछने पर शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी माफी पर निर्देश लेकर कोर्ट को बताएंगे. कोर्ट ने कहा कि ऐसे केस में सबूत की जरूरत नहीं... ये बहुत साधारण केस है, उन्होंने रीट्वीट किया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना था मानहानि...
मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. दिल्ली हाइकोर्ट ने मामले में अरविंद केजरीवाल को तलब करने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. अदालत ने कहा था कि केजरीवाल के एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर काफी फॉलोअर्स हैं और वह वीडियो को रीट्वीट करने के नतीजों को समझते हैं. कोर्ट ने कहा था अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के समान है.
कौन हैं शिकायतकर्ता विकास पांडे?
यह मामला विकास सांकृत्यायन उर्फ विकास पांडे द्वारा दायर किया गया था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थक होने का दावा करते हैं और सोशल मीडिया पेज 'आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी' का संस्थापक हैं. दरअसल, ये पूरा मामला यू-ट्यूबर ध्रुव राठी की ओर से बनाए गए वीडियो ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2' केजरीवाल द्वारा शेयर करने का है.
ये भी पढ़ें :-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं