बीजेपी सांसद किरीट सोमैया (फाइल फोटो)
मुंबई:
बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' को लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में मांग की गई है कि सोमैया के खिलाफ़ प्रकाशित ख़बर पर अख़बार 48 घंटे में माफ़ी मांगें। सोमैया का दावा है कि सामना ने अपमानजनक ख़बर छापकर उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है।
शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन के इतिहास में ऐसी कारवाई पहली बार हुई है। जबकि इससे पहले सामना अख़बार के संपादकीय के जरिए दिवंगत बालासाहब ठाकरे और अब उद्धव ठाकरे बीजेपी को निशाने पर लिया करते हैं।
मौजूदा मामला शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में 16 मई को छपी उस ख़बर का है जिसमें सांसद सोमैया, उनकी पत्नी मेधा सोमैया पर एक कंपनी बनाकर शहर में जमीन का घोटाला करने का आरोप लगाया गया था। खुद पर लगे आरोप के बदले में खुलासा करते हुए सोमैया ने उन्हें बेबुनियाद और झूठ करार दिया है। साथ ही मामले में अख़बार से 48 घंटे में माफ़ी की मांग भी की है।
सोमैया ने लगाया उनका पक्ष नहीं लेने का आरोप
अख़बार को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ख़बर प्रकाशित करने से पहले अख़बार ने उस पर सोमैया का पक्ष नहीं मांगा। लिहाजा इस तरह से ख़बर छापने का तरीका अपमानजनक है।
वैसे मुम्बई में सोमैया बनाम शिवसेना की लड़ाई पिछले 6 महीने से शुरू है। सोमैया ने हाल ही में BMC से जुड़े भ्रष्टाचार में 'बांद्रा के साहब' के लिप्त होने का आरोप लगाकर शिवसेना को निशाने पर लिया है। सोमैया गत कुछ महीनों से शिवसेना की सर्वाधिक समय सत्ता रखनेवाली BMC के कामकाज में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। इस लड़ाई की अगली कड़ी हाल का विवाद है।
महानगर पालिका चुनाव को देखते हुए बढ़ी तल्खी
शहर की महानगर पालिका के चुनाव करीब आ रहे हैं और दोनों दलों में तल्खी बढ़ रही है। शिवसेना ने सोमैया के आरोपों को नजरअंदाज करने के आदेश अपने नेताओं को दिए हैं।
सामना शिवसेना का वो मुखपत्र है, जिसके संपादक पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे खुद हैं। जबकि कार्यकारी संपादक का जिम्मा सांसद संजय राउत और ट्रस्टी पद का जिम्मा प्रमुखता से राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई को दिया गया है।
शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन के इतिहास में ऐसी कारवाई पहली बार हुई है। जबकि इससे पहले सामना अख़बार के संपादकीय के जरिए दिवंगत बालासाहब ठाकरे और अब उद्धव ठाकरे बीजेपी को निशाने पर लिया करते हैं।
मौजूदा मामला शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में 16 मई को छपी उस ख़बर का है जिसमें सांसद सोमैया, उनकी पत्नी मेधा सोमैया पर एक कंपनी बनाकर शहर में जमीन का घोटाला करने का आरोप लगाया गया था। खुद पर लगे आरोप के बदले में खुलासा करते हुए सोमैया ने उन्हें बेबुनियाद और झूठ करार दिया है। साथ ही मामले में अख़बार से 48 घंटे में माफ़ी की मांग भी की है।
सोमैया ने लगाया उनका पक्ष नहीं लेने का आरोप
अख़बार को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ख़बर प्रकाशित करने से पहले अख़बार ने उस पर सोमैया का पक्ष नहीं मांगा। लिहाजा इस तरह से ख़बर छापने का तरीका अपमानजनक है।
वैसे मुम्बई में सोमैया बनाम शिवसेना की लड़ाई पिछले 6 महीने से शुरू है। सोमैया ने हाल ही में BMC से जुड़े भ्रष्टाचार में 'बांद्रा के साहब' के लिप्त होने का आरोप लगाकर शिवसेना को निशाने पर लिया है। सोमैया गत कुछ महीनों से शिवसेना की सर्वाधिक समय सत्ता रखनेवाली BMC के कामकाज में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। इस लड़ाई की अगली कड़ी हाल का विवाद है।
महानगर पालिका चुनाव को देखते हुए बढ़ी तल्खी
शहर की महानगर पालिका के चुनाव करीब आ रहे हैं और दोनों दलों में तल्खी बढ़ रही है। शिवसेना ने सोमैया के आरोपों को नजरअंदाज करने के आदेश अपने नेताओं को दिए हैं।
सामना शिवसेना का वो मुखपत्र है, जिसके संपादक पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे खुद हैं। जबकि कार्यकारी संपादक का जिम्मा सांसद संजय राउत और ट्रस्टी पद का जिम्मा प्रमुखता से राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई को दिया गया है।
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