नारी शक्ति वंदन बिल पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस और उसके दल किस तरह लोकतंत्र का गला घोंटते हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण मैं खुद हूं. मेरी मां एम्स देवघर में भर्ती हैं. उन्होंने मुझे कहा कि पार्टी अगर मौका दे तो जरूर बोलना. कांग्रेस इस बिल को अपना बता रही है, ये कांग्रेस की गलतफहमी है, एक गलती है. वो इतने वर्षों से इस बिल को लेकर नहीं आए, हमारी पार्टी और हमारे पीएम ने इस बिल को लाने का नैतिक साहस दिखाया तो इनके पेट में दर्द हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि जब तक सर्वशिक्षा अभियान (पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी लाए थे) नहीं आया तो महिलाओं का शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ पाया.
इसके बाद भी बेटियों को खाना बनाकर जाना पड़ता था तो इसे लेकर भी हमारी सरकार ही मिड डे मील लाई. इसके बाद स्कूलों में बेटियों की संख्या बढ़ी. फिर सारे स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था की ताकि बच्चियों को कोई समस्या ना हो. महिलाओं को शिक्षित बनाने का काम किसने किया इसी से समझ सकते हैं. पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा है कि सही समय है, यही समय है. इसलिए उन्होंने ये ऐतिहासिक सत्र बुलाकर महिलाओं को सम्मान देने का काम किया और गौरवान्वित किया.
सोनिया गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पूछा अभी क्यों नहीं लागू किया, कब लागू करेंगे तो मैं ये बताना चाहता हूं कि ये देश संविधान से चलता है. संविधान में कहा गया है कि राज्यसभा और विधानपरिषद में रिजर्वेशन नहीं होगा. आप अचानक रिजर्वेशन को लेकर सवाल उठा रहे हैं. केवल राजनीति के माध्यम से महिला आरक्षण को लॉलीपॉप बनाते रहे, घुमाते रहे, क्या वही हम भी करें ?. हमारे पीएम कहते हैं कि जिसकी शुरुआत करता हूं, उसका अंत भी करता हूं. अगर महिला रिजर्वेशन आया है तो महिलाओं को सम्मान मिलकर रहेगा.
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष देश में गलत माहौल पैदा करना चाह रहा है. कोरोना काल में जनगणना कैसे हो सकती है. आज सोनिया जी महिला आरक्षण पर जब बोल रही थीं तो मुझे लगा था कि वो राजनीति से ऊपर उठकर बोलेंगी क्योंकि वह विपक्ष की आवाज हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं. लेकिन सभी जानते ही हैं कि इस महिला रिजर्वेशन के लिए जिन महिलाओं ने संसद के अंदर और बाहर आवाज उठाई... वो बंगाल की गीता मुखर्जी और बीजेपी की सुषमा स्वराज थीं. सोनिया ने अपने पूरे भाषण में इन दोनों का जिक्र नहीं किया. वह सिर्फ अपना क्रेडिट लेना चाहती हैं.
जो जीता वही सिकंदर , जो गोल मारता है, उसी का क्रेडिट है.ये बीजेपी का बिल है, पीएम का बिल है. कांग्रेस गलत बिल लेकर आई थी. निशिकांत ने दलगत भावना से ऊपर उठकर महिला आरक्षण बिल का समर्थन करने की अपील की. अगर ओबीसी आरक्षण देना ही था तो निकाय और पंचायत चुनाव में क्यों नहीं दिया. ये देश संविधान से चलता है.
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