राजस्थान पुलिस ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP)नेता किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में ले लिया जो पुलवामा आतंकी हमले में मारे गए जवानों की विधवाओं द्वारा परिवारों के लिए नौकरी और अन्य मुद्दों पर जयपुर में आयोजित विरोध प्रदर्शन का शामिल हुए थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि मीणा सियासी लाभ के लिए विधवाओं को इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं मीणा ने पुलिस ने उन्हें मार डालने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "पुलिस ने मुझे मारने की कोशिश की लेकिनबहादुर महिलाओं, युवाओं, बेरोजगारों और गरीबों की कृपा से मैं बच गया. मैं घायल हूं और मुझे गोविंदगढ़ अस्पताल से जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल रेफर किया गया है." 2019 के आतंकी हमले में मारे गए CRPF जवानों की विधवाओं को आज सुबह लगभग 3 बजे जयपुर में उनके विरोध स्थल-कांग्रेस नेता सचिन पायलट के आवास के बाहर से हटा दिया गया और उनके आवासीय क्षेत्रों के पास के अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया गया.
बीजेपी ने इस कार्रवाई को "विधवाओं का अपमान" बताते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है और उस पर परिवारों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है. इस बीच, मीणा ने ट्वीट किया है,"मैं समर्थकों के साथ सामोद बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, लेकिन सामोद थाना पुलिस ने मुझे रोका और दुर्व्यवहार व हाथापाई की. क्या वीरांगनाओं के साथ खड़ा होना इतना बड़ा गुनाह है कि अशोक गहलोत सरकार एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का आचरण कर रही है?
मैं अपने समर्थकों के साथ सामोद बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, लेकिन सामोद थाना पुलिस ने मुझे रोका और मेरे साथ दुर्व्यवहार व हाथापाई की। क्या वीरांगनाओं के साथ खड़ा होना इतना बड़ा गुनाह है कि @ashokgehlot51 सरकार एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का आचरण कर रही है? pic.twitter.com/OqkuLH2ZcB
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) March 10, 2023
पुलवामा आतंकी हमले में मारे गए जवानों की विधवाएं 28 फरवरी से प्रदर्शन करते हुए नियमों में बदलाव की मांग कर रही हैं ताकि अनुकंपा के आधार पर न केवल उनके रिश्तेदारों को बल्कि उनके बच्चों को भी सरकारी नौकरी मिल सके. उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल है. जवानों की विधवाओं की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम ने सवाल किया था कि क्या शहीदों के बच्चों की नौकरी छीनकर रिश्तेदारों को देना उचित होगा. मारे गए जवानों में से एक की तीसरी प्रतिमा की मांग पर सीएम ने कहा कि यह अन्य विधवाओं और उनके परिवारों के साथ अन्याय होगा.
शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है?
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 7, 2023
जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा?
उनका हक मारना उचित है क्या? pic.twitter.com/oUBEoklIDl
मीणा शुक्रवार को सुबह जयपुर के SEZ पुलिस स्टेशन पहुंचे और कहा कि सरकार विधवाओं की आवाज नहीं दबा पाएगी. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "सरकार तीन महिला 'योद्धाओं' से इतना क्यों डर रही है कि पुलिस ने उन्हें रातोंरात उठा लिया.पता नहीं कहां ले गई हैं? महिलाएं केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से मिलने की गुहार लगा रही हैं."
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