त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनावी तारीखों (Assembly Elections 2023) के ऐलान के बाद पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रणनीतिकार और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma ) ने तीनों राज्यों के लिए पार्टी की रणनीति का खुलासा किया. सरमा दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ पार्टी के लिए रणनीति बना रहे हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "NEDA के हिस्से के रूप में बीजेपी और एनडीपीपी ने नागालैंड चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है. एनडीपीपी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बीजेपी 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. 10 सीटों के लिए हमने सबकुछ तय कर लिया है."
हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा, "प्रद्योत देबबर्मा ने मुझसे अनौपचारिक रूप से मुलाकात की, लेकिन त्रिपुरा के लिए नेताओं का एक अलग सेट है, जो गठबंधन की चीजें देख रहा है. मेघालय में हमने अकेले लड़ने का फैसला किया है. इसलिए हम कोई गठबंधन नहीं बना रहे हैं. जबकि त्रिपुरा में टिपरा मोथा वास्तव में बीजेपी के नेतृत्व वाले NEDA का हिस्सा नहीं है."
तीनों राज्यों में से बीजेपी सिर्फ नागालैंड में ही गठबंधन कर पाई है. बीजेपी नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की एनडीपीपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी. मेघालय में पिछले चुनाव की तरह बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है और त्रिपुरा में वह शाही वंशज देबबर्मा की टिपरा मोथा के साथ गठबंधन के लिए अनौपचारिक बातचीत कर रही है.
देबबर्मा ने गुरुवार को दिल्ली में सरमा के साथ एक बंद कमरे में 'अनौपचारिक' बैठक की. इस बैठक को लेकर कहा गया कि दोनों नेताओं ने "ग्रेटर टिपरालैंड" के मुद्दे पर चर्चा की. हाल ही में त्रिपुरा के इंडिजनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) राजनितिक दल के प्रमुख सचिव ने पूरी तरह से अलग राज्य "ग्रेटर टिपरालैंड" की मांग को उठाने के लिए दिल्ली के जंतर मंतर में धरना देने का ऐलान किया था.
देबबर्मा ने दिल्ली से फोन पर कहा, "हमने दिल्ली में NEDA के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा के साथ बैठक की है. मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम "ग्रेटर टिपरालैंड" की मांग से कोई समझौता नहीं करेंगे. हमने पहले भी कहा कि हम तभी किसी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे, जब वो "ग्रेटर टिपरालैंड" को लेकर एक संवैधानिक समाधान करने के लिए हमें लिखित में आश्वासन देंगे."
उन्होंने कहा, "हम 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हम किसी पद या गठबंधन के लिए ग्रेटर टिपरालैंड मुद्दे पर बातचीत नहीं कर सकते हैं. जब तक कि हमारे लोगों को ग्रेटर टिपरालैंड के लिए अनुच्छेद 2 और 3 के तहत संवैधानिक समाधान के लिए लिखित में आश्वासन नहीं दिया जाता है."
इंडिजनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) शाही वंश के नेतृत्व वाली एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी है. यह पार्टी त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के लिए ग्रेटर टिपरालैंड नाम से एक अलग राज्य की मांग कर रही है.
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