
- महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसमें लात-घूंसे चले।
- भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच लंबे समय से चल रहे मतभेद हिंसक झड़प में तब्दील हो गए।
- आव्हाड द्वारा विधानसभा में एक महिला के मंगलसूत्र को लेकर की गई भड़काऊ टिप्पणी ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया, जिससे विवाद और तीखा हो गया।
आज महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में अखाड़े जैसा दृश्य देखने को मिला. यहां विधायकों के बीच जमकर मारपीट हुई. वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि भाजपा और शरद पवार की पार्टी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार) के विधायकों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसमें लात-घूंसे चले. भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और राकांपा (शरद पवार गुट) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच मारपीट हो गई. दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे थे, जो अब हिंसक रूप ले लिया. हाल ही में गेट के पास दोनों नेता एक-दूसरे को गालियां देते देखे गए थे, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में BJP MLA और NCP नेता के बीच झड़प
— NDTV India (@ndtvindia) July 17, 2025
महाराष्ट्र विधानसभा में BJP विधायक गोपीचंद पडलकर और NCP नेता जितेंद्र आव्हाड के बीच झड़प#MaharashtraAssembly | #ViralVideo pic.twitter.com/T0kL0duFqq
यह घटना आव्हाड द्वारा की गई एक भड़काऊ टिप्पणी के बाद हुई, जिसमें उन्होंने विधानसभा परिसर में रेड कार्पेट पर चलते हुए एक महिला के 'मंगलसूत्र' को लेकर टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी को व्यापक रूप से पडलकर पर तंज के रूप में देखा गया था, हालांकि आव्हाड ने किसी का नाम नहीं लिया था.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधान भवन में इस तरह मारपीट करना गलत है. मारपीट करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर के साथ विधानसभा की लॉबी में धक्का-मुक्की की गई, इसकी जांच कर कार्रवाई की जाए. ऐसी मांग संजय उपाध्याय ने विधानसभा में की. इस पर अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आश्वासन दिया कि जांच तुरंत की जाएगी.
'गुंडों को विधानसभा परिसर में घुसने के लिए पास किसने दिए?'
महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में हुई हाथापाई और मारपीट पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि इन गुंडों को विधानसभा परिसर में घुसने के लिए पास किसने दिए? विधानसभा परिसर में ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं और अध्यक्ष को उन गुंडों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने उन्हें पास दिए. इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए. अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और गृह विभाग को इसका संज्ञान लेना चाहिए,
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