प्रतीकात्मक तस्वीर
पटना:
बिहार के आरा जिले में बिहिया कांड में पुलिस की जांच जारी है. इस घटना पर राजनीतिक दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी तेज़ है. लेकिन इस बीच उस इलाक़े में सक्रिय सीपीआई (एमएल) की महिला शाखा ऐपवा के मुताबिक, इस घटना की जड़ में ज़मीन का विवाद है.
दरअसल, राज्य के भोजपुर जिले के बिहिया में सोमवार को एक स्थानीय युवक विमलेश का शव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों ने एक महिला को पहले पीटा और उसके बाद उन्हें निर्वस्त्र करके बाजार में घुमाया. माहौल इतना खराब हो गया कि पुलिस को वहां हवाई फ़ायरिंग करनी पड़ी और अब तक 16 व्यक्ति को इस मामले में हिरासत में लिया गया है. इन सभी लोगों को फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में कोर्ट के आदेश के बाद भेजा गया है.
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ऐपवा की जांच दल में पीड़ित महिला जो नट समुदाय से आती हैं, वहां पर रेड लाइट इलाक़े में वेश्यावृति कर जीवन यापन करती है. लेकिन वहां के स्थानीय लोग इनकी बस्ती को वहां उसके इस धंधे से परेशान थे और कोशिश कर रहे थे कि वहां से कहीं और भगाया जाए. वहीं कुछ लोग इस फ़िराक़ में थे कि कैसे भी इन नट लोगों की ज़मीन पर क़ब्ज़ा जमाया जाये. सोमवार को स्थानीय लोगों को शव मिलने के बाद लगा कि इस बार दोनों काम एक साथ हो सकता है.
हालांकि, इस जांच रिपोर्ट में पुलिस की निष्क्रियता का भी विस्तार से उल्लेख है. मृतक का शव कैसे रेलले ट्रैक के पास कई घंटे था और स्थानीय थाना और जीआरपी के लोगों में विवाद चल रहा था कि कैसे ये उनकी ज़िम्मेदारी नहीं हैं. हालांकि, इस आधार पर दोषी पुलिस वालों को निलंबित भी कर दिया गया है.
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इस बीच इस मामले पर जनता दल यूनाइटेड ने आरोप लगाया है कि जिन सत्रह लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, उनमें छह लोग राजद से सम्बंधित हैं. पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने अपने आरोप के समर्थन में कई फ़ोटो भी जारी किया. वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि अगर राजद के लोग दोषी हैं तो नीतीश कुमार उन्हें फांसी पर चढ़ा दें.
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दरअसल, राज्य के भोजपुर जिले के बिहिया में सोमवार को एक स्थानीय युवक विमलेश का शव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों ने एक महिला को पहले पीटा और उसके बाद उन्हें निर्वस्त्र करके बाजार में घुमाया. माहौल इतना खराब हो गया कि पुलिस को वहां हवाई फ़ायरिंग करनी पड़ी और अब तक 16 व्यक्ति को इस मामले में हिरासत में लिया गया है. इन सभी लोगों को फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में कोर्ट के आदेश के बाद भेजा गया है.
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ऐपवा की जांच दल में पीड़ित महिला जो नट समुदाय से आती हैं, वहां पर रेड लाइट इलाक़े में वेश्यावृति कर जीवन यापन करती है. लेकिन वहां के स्थानीय लोग इनकी बस्ती को वहां उसके इस धंधे से परेशान थे और कोशिश कर रहे थे कि वहां से कहीं और भगाया जाए. वहीं कुछ लोग इस फ़िराक़ में थे कि कैसे भी इन नट लोगों की ज़मीन पर क़ब्ज़ा जमाया जाये. सोमवार को स्थानीय लोगों को शव मिलने के बाद लगा कि इस बार दोनों काम एक साथ हो सकता है.
हालांकि, इस जांच रिपोर्ट में पुलिस की निष्क्रियता का भी विस्तार से उल्लेख है. मृतक का शव कैसे रेलले ट्रैक के पास कई घंटे था और स्थानीय थाना और जीआरपी के लोगों में विवाद चल रहा था कि कैसे ये उनकी ज़िम्मेदारी नहीं हैं. हालांकि, इस आधार पर दोषी पुलिस वालों को निलंबित भी कर दिया गया है.
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इस बीच इस मामले पर जनता दल यूनाइटेड ने आरोप लगाया है कि जिन सत्रह लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, उनमें छह लोग राजद से सम्बंधित हैं. पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने अपने आरोप के समर्थन में कई फ़ोटो भी जारी किया. वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि अगर राजद के लोग दोषी हैं तो नीतीश कुमार उन्हें फांसी पर चढ़ा दें.
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