बिहार के स्कूलों में छुट्टियां कम करने वाले मामले ने इतना तूल पकड़ा कि अब इस पर राजनीति भी गरमा गई. त्योहारों की छुट्टियां काटने पर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. दरअसल बिहार शिक्षा विभाग ने बड़ा आदेश जारी करते हुए स्कूलों की छुट्टियों की संख्या घटा दी है. सितंबर से दिसंबर महीने के बीच राज्य के स्कूलो में कुल 23 छुट्टियां घोषित थीं. लेकिन अब नए आदेश के बाद इन्हें घटाकर 11 कर दिया गया. नतीजतन ये मुद्दा बिहार में चर्चा का विषय बन गया.
केके पाठक शिक्षा विभाग के निदेशक हैं और अपने आदेशों और दौरों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. नए आदेश में मुताबिक छुट्टियां रद्द करने के पीछे कम से कम 220 दिन की पढ़ाई का तर्क दिया है. हालांकि इस मामले पर बीजेपी ने नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया. बीजेपी नीतीश सरकार के इस फ़ैसले को हिंदू विरोधी करार दे रही है. इस मसले पर बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि केवल छुट्टी काटी नहीं गई बल्कि जनमाष्टमी, रक्षाबंधन, कार्तिक पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण पर्व की छुट्टी को समाप्त किया गया.
बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार के अंदर दशहरा, दिवाली,छठ महत्वपूर्ण पर्व है. 9 से घटाकर इन छुट्टियों को 6 कर दिया गया. छठ में 2 दिन की छुट्टी ये हिंदु विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. मोहम्मद साहब के जन्मदिन और चेल्लुम की छुट्टी भी होनी चाहिए. रक्षाबंधन, जनमाष्टमी की छुट्टी रद्द कर दी गई. कोई बच्चा क्या स्कूल जाएगा. इसके पीछे तर्क दे रहे है राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत किया गया. असल में आपने सारे मास्टरों को स्कूल बंद कर जातिय आरक्षण में लगा दिया. पाठक जी जब तक शिक्षा विभाग में रहेंगे, राजभवन और हिंदु भावनाओं से टकराते रहेंगे.
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