
- बिहार पुलिस ने अवैध हथियार और कारतूस सप्लाई नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए व्यापक जांच अभियान शुरू किया है.
- डीजीपी विनय कुमार ने सभी एसडीपीओ को लाइसेंसी हथियार दुकानदारों का एक वर्ष का पूरा रिकॉर्ड जांचने का आदेश दिया.
- मृतक लाइसेंसधारकों के नाम पर गोलियों की खरीदारी, ब्लैक मार्केट सप्लाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
बिहार में अपराध पर लगाम लगाने के लिए बिहार पुलिस ने अवैध हथियार और कारतूस के सप्लाई नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मोर्चा खोल दिया है. खासतौर पर लाइसेंसधारकों और लाइसेंसी दुकानों से गलत तरीके से उठाई गई गोलियों की सप्लाई पर फोकस किया जा रहा है. यानी, अगर आप ने भी गलत तरीके से गोलियों की खरीदारी की है तो आपकी खैर नहीं. आप पुलिस के टारगेट पर हैं.
डीजीपी का ये आदेश
पुलिस मुख्यालय ने सभी एसडीपीओ को आदेश दिया है कि अपने क्षेत्र में मौजूद सभी लाइसेंसी हथियार दुकानदारों का कच्चा चिट्ठा खंगाला जाए. डीजीपी विनय कुमार ने आदेश दिया है कि बिहार में करीब 150 से अधिक लाइसेंसी हथियारों के दुकानदार हैं. उनके एक साल का पूरा रिकॉर्ड खंगाल कर रिपोर्ट दें. डीजीपी का आदेश है कि इन दुकानों से किसने-किसने, कितनी - कितनी गोलियां कब-कब खरीदीं. इन गोलियों को कहां-कहां खर्च किया गया और कितने खोखे जमा किए गए. रिपोर्ट के बाद दोषी दुकानों और व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
डीजीपी ने दी सख्त चेतावनी
डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि अवैध हथियारों और कारतूसों के खिलाफ बिहार पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. हमारी कोशिश कारतूसों की सप्लाई रोकने की है. कारतूसों की सप्लाई रोक कर अपराध को नियंत्रित किया जा सकता है. अपराधी हथियार कहीं से भी बनवा लेते हैं लेकिन गोलियां कही भी तैयार नहीं की जा सकती हैं. इस लिए हमारे कोशिश गोलियों की आपूर्ति पर रोक लगाने की है. मृत लाइसेंसधारकों के नाम पर गोली उठाने वाले और ब्लैक मार्केट सप्लाई की जा रही है, अब एसे लोगों की खैर नहीं. इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाएगा.
खगड़िया और पूर्णिया के बाद चौकन्ना हुई पुलिस
दरअसल, डीजीपी विनय कुमार की ओर से ये सख्ती उस मामले के प्रकाश में आने के बाद की गई, जहां खगड़िया में मृत लाइसेंसधारक के नाम पर बड़ी संख्या में गोली खरीदी गईं. ऐसा ही मामला पूर्णिया से भी प्रकाश में आया. यहां भी मृत लाइसेंसधारी व्यक्ति के नाम पर ‘विशाल गन हाउस' से 200 राउंड से ज्यादा गोलियों की खरीदारी की गई. पुलिस का कहना है कि इन मामलों में जांच पूरी होने के बाद इन पर जल्द कार्रवाई होगी और दोषी व्यक्तिों की गिरफ्तारी होगी.
मिनी गन फैक्ट्री पर भी कसा शिकंजा
एसटीएफ और जिला पुलिस ने इस साल जून तक 2,000 से ज्यादा अवैध हथियार, 13,000 से अधिक गोलियां और 30 से ज्यादा अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. पिछले साल यह आंकड़ा 4,981 अवैध हथियार, 23,451 कारतूस और 64 मिनी गन फैक्ट्री का था. मुंगेर, नालंदा, पटना और बेगूसराय जैसे जिलों में सबसे ज्यादा बरामदगी हुई.
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