बिहार (Bihar) में सत्तारूढ़ जद (यू) के एक विधायक ने शुक्रवार को उन पत्रकारों को अपशब्द कहे, जिन्होंने उनसे उस हालिया वीडियो क्लिप के बारे में सवाल किया था, जिसमें वह हाथ में पिस्तौल लिये एक अस्पताल परिसर में प्रवेश करते हुए देखे गए थे. भागलपुर जिले के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जनता दल (यूनाइटेड) के गोपाल मंडल को अपने इस आचरण के लिए अपनी ही पार्टी में आलोचना का सामना करना पड़ा है. इस बीच भागलपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर सामने आये उक्त वीडियो की जांच के आदेश दे दिए हैं.
पटना में जब पत्रकारों ने विधायक से उस वीडियो के बारे में सवाल किया जो कुछ दिन पहले का बताया जा रहा है, तो मंडल ने कहा, ‘‘मैं हमेशा की तरह अपनी लाइसेंसी पिस्तौल लिये हुए था. हालांकि मैं होल्स्टर (पिस्तौल का कवर) ले जाना भूल गया था. इसलिए मैंने पिस्तौल अपने पजामे की जेब के भीतर रखी थी.''
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक रिश्तेदार को देखने अस्पताल गया था. सीढ़ियाँ चढ़ते समय मेरी जेब से पिस्तौल गिरने लगी. इसलिए मैंने इसे हाथ में पकड लिया.''
अक्सर अपने आचरण के कारण चर्चा में रहने वाले विधायक ने जब पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘‘पिस्तौल तो अभी भी मेरे पास है. दिखाएं क्या.''
पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि आप अस्पताल में इस तरह सार्वजनिक तौर पर पिस्तौल कैसे लहरा सकते हैं, विधायक ने अपशब्द कहते हुए कहा, ‘‘हां-हां लहराएंगे.''
मंडल की ओर से कुछ और अपशब्द कहे जाने पर पत्रकारों द्वारा कड़ा विरोध किये जाने पर विधायक ने धमकाते हुए कहा, ‘‘ज्यादा बोलोगे तो हम बता देंगे.'' बाद में सुरक्षाकर्मी विधायक को उनके वाहन तक ले गए.
इस मामले की सूचना बाद में बिहार के मंत्री अशोक चौधरी को दी गई जो उस समय पार्टी कार्यालय में जदयू कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे थे.चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विश्वासपात्र माना जाता है. चौधरी ने कहा, ‘‘हम लोगों की पार्टी में अगर कोई इस तरह की बात कर रहा है, तो वह गलत है.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों की पार्टी ऐसी पार्टी है जो भीमराव आंबेडकर, महात्मा गांधी, राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर की विचारधारों का पालन करती है. इस तरह की भाषा कहीं से भी उचित नहीं है. चाहे वह मेरी या किसी अन्य पार्टी के हों. हम लोग पिस्तौल और गोली-बारूद वाले नहीं हैं. हम लोग महात्मा गांधी के विचारधारा को मानने वाले लोग हैं। इसलिए हम लोग इसकी निंदा करते हैं.''
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वीडियो की एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी द्वारा जांच की गई है और यह पाया गया है कि माननीय विधायक एक लाइसेंसी हथियार लिये हुए थे. मामला अब आवश्यक कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को भेजा जा रहा है, जो लाइसेंसिंग प्राधिकारी हैं.''
चौथी बार विधायक बने मंडल कई बार अपने व्यवहार को लेकर सुर्खियों में रहे हैं.
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