भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक विधायक ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस सप्ताह के शुरू में उनके विरुद्ध आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. कटोरिया विधानसभा क्षेत्र की विधायक एवं भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव निक्की हेम्ब्रम ने कहा कि जब उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायकों की बैठक में मद्यनिषेध कानून का आदिवासियों पर बुरा प्रभाव पड़ने का मुद्दा उठाया तो उन्हें डांट दिया गया.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अनुसूचित जनजाति से आती हूं तथा मैं उस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हूं जहां लोग पारंपरिक रूप से महुआ बनाने का काम करते हैं, लेकिन मद्यनिषेध कानून के तहत उसे अब गैर कानूनी ठहरा दिया गया है.''
विधायक ने कहा, ‘‘सोमवार को राजग विधायकों की बैठक में उनकी (आदिवासियों) दुर्दशा का मुद्दा उठाना मेरा दायित्व था. जिस तरह मुख्यमंत्री ने बोला, मैं अचंभित रह गयी. उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किया, मैं उसे दोहराना भी नहीं चाहती. मैं उसके बजाय इस बात को वरीयता दूंगी कि बैठक में मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दे का सीधा निराकरण हो.''
विधायक ने यह भी कहा कि उन्होंने ‘‘पार्टी मंच पर शिकायत दर्ज करायी है और इस विषय पर संज्ञान लेना अब मेरी पार्टी का काम है.''
हालांकि मंत्री एवं जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) की नेता लेसी सिंह ने कहा कि यह ‘‘गलतफहमी'' है और कुमार ने ‘‘बस अभिभावक की भांति'' हेम्ब्रम से बात की थी. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बैठक में मौजूद थी. शब्दों को संदर्भ से परे नहीं किया जा सकता है और ...अलग मतलब नहीं निकाला जा सकता है. दरअसल मुख्यमंत्री का विधायक को यह समझाने का इरादा था कि वह हमेशा ही महिलाओं की जरूरतों एवं आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील रहे हैं तथा महिलाओं के कहने पर ही उन्होंने शराब पर रोक लगाने का फैसला किया था.''
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