राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को दावा किया कि बिहार में शराबबंदी के समय उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आगाह किया था कि अन्य राज्यों से शराब की तस्करी रोक पाना काफी मुश्किल होगा पर उन्होंने (नीतीश) इसे सफलतापूर्वक लागू करने का भरोसा दिया था.
बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में लालू प्रसाद की पार्टी राजद के साथ सत्ता में रहे नीतीश के शराबबंदी के निर्णय को लेकर लालू का यह बयान उस समय आया है जब प्रदेश में हाल के दिनों में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने पर राज्य की पुलिस पर शराब की बिक्री और खपत पर लागू प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
लालू प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान शराब तस्करी के मामले में बिहार की तुलना एक ‘‘टापू'' के रूप में करते हुए आरोप लगाया कि चारों तरफ से इसकी तस्करी हो रही है और अब राजस्व भी हासिल नहीं हो पा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि लोग मर रहे हैं और शराब की होम डिलीवरी हो रही है.
राजद सुप्रीमो के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी शराबबंदी की विफलता का आरोप लगाते हुए पुलिस व राज्य सरकार पर निशाना साधा.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह शराबबंदी को वापस लिए जाने के पक्षधर हैं, लालू ने कहा, ‘‘यह उनको (राज्य सरकार) फैसला करना है. हमने बहुत पहले कहा था कि कार्यान्वयन में कठिनाइयों को ईमानदारी से स्वीकार किया जाना चाहिए और इस कदम को वापस लिया जाना चाहिए.''
राजद सुप्रीमो, जिनका हाल में बिहार विधानसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव के दौरान अपने पुराने सहयोगी दल कांग्रेस से मतभेद उभरकर सामने आया था, से दिवंगत लोजपा नेता रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पसवान को लेकर उनकी पार्टी की आगे की योजना के बारे में पूछे जाने पर दावा किया, ‘‘हम सब एकजुट हैं''.
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