पाटीदार आंदोलन हिंसा मामले में हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा के मामले में हार्दिक पटेल को दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है. पटेल ने चुनाव लड़ने के लिए दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाए जाने की मांग की थी. हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सजा को निलंबित करने की मांग की थी ताकि वह 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकें.
हार्दिक पटेल के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने से रोकना अधिकारों का हनन है. 2019 में एक बार चुनाव लड़ने का मौका पटेल गवां चुके हैं. हार्दिक पटेल के वकील ने कहा कि ये कोई सीरियस किलर नहीं हैं, पुलिस ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया है. बता दें कि हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था.
याचिका में कहा गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषसिद्धि याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी देखना चाहिए कि इसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव होगा और उसे बरकरार रखा गया तो उसे कभी ना पूरा होने वाला नुकसान तो नहीं होगा. इसी फैसले में कहा गया था कि ऐसे मामलों में मौजूद सबूतों पर भी गौर किया जाना चाहिए. उनके केस में कोई सीधा सबूत नहीं है और पूरा केस कही-सुनी पर आधारित है. याचिका में दोषसिद्धि को निलंबित कर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.
दरअसल, 2015 में हुए उपद्रव के मामले में 29 मार्च 2019 को गुजरात हाईकोर्ट से हार्दिक पटेल को बड़ा झटका लगा था. हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका को ख़ारिज कर दिया था जिसमें मेहसाणा में 2015 के उपद्रव मामले में उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करने की अपील की गई थी. दंगा भड़काने के आरोप में साल 2018 में निचली कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.
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