
केंद्रीय कैबिनेट ने आज कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें किसानों के कल्याण और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. किसानों के कल्याण के लिए दो बड़े निर्णय लिए गए हैं. खरीफ फसलों के लिए एमएसपी और ब्याज सहायता योजना. तीन बुनियादी ढांचा परियोजनाए हैं, जिनमें से एक चार लेन का राजमार्ग है और बाकी दो रेलवे लाइन हैं.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है. पिछले 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए MSP में भारी बढ़ोतरी की गई है. इसी क्रम में, खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए MSP को कैबिनेट से मंजूरी मिली है.
केंद्रीय कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
1. खरीफ फसलों के लिए MSP
- सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए धान, मक्का, तूर, मूंग, उड़द और सोयाबीन जैसी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है.
- 2,07,000 करोड़ रुपये की खरीफ MSP को मंजूरी दी गई है.
- इसका उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोतरी और खेती को लाभकारी बनाना है.
2. इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम:
- ₹15,642 करोड़ के खर्च को स्वीकृति
- किसानों को 2 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन 4% की ब्याज दर पर उपलब्ध
- सरकार बैंकों को 1.5% ब्याज में छूट देगी
- समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3% अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन का लाभ
3. बडवेल-नेल्लोर हाईवे प्रोजेक्ट:
- आंध्र प्रदेश में 108 किलोमीटर लंबे फोर-लेन हाईवे परियोजना को मंजूरी
- परियोजना की लागत ₹3,653 करोड़
- BOT मॉडल पर विकसित किया जाएगा, रियायत अवधि 20 वर्ष
4. वर्धा-बल्लारशाह रेल लाइन विस्तार:
- महाराष्ट्र में वर्धा से बल्लारशाह रेल मार्ग को दोहरीकरण की मंजूरी
- माल और यात्री यातायात की क्षमता को दोगुना करेगी
5. रतलाम-नागदा रेल परियोजना:
- रतलाम-नागदा रेलवे लाइन पर चौथी लाइन बिछाने को मंजूरी
- परियोजना की लागत ₹1,018 करोड़
- मध्य प्रदेश के रतलाम से नागदा तक 41 किलोमीटर लंबे रेलखंड को चार लाइन में बदला जाएगा

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय रेलवे में लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी. ताकि यात्रियों और माल दोनों का निर्बाध और तेज परिवहन सुनिश्चित किया जा सके. रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन औऱ वर्धा- बल्हारशाह चौथी लाइन को मंजूरी मिली है. परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपये (लगभग) है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा.
किसानों के लिए ब्याज सहायता (15,642 करोड़ रुपये). किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को कार्यशील पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई. किसानों को बागवानी सहित फसलों के लिए 3 लाख रुपये तक और संबद्ध गतिविधियों के लिए 2 लाख रुपये तक का ऋण 7% प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर मिलता है.
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