
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई के अपने उस फैसले को वापस ले लिया, जिसमें भूषण पावर एंड स्टील के परिसमापन का आदेश दिया गया था, जिसे जेएसडब्ल्यू ने 19,700 करोड़ रुपये की पुनरुद्धार योजना के तहत अधिग्रहित किया था. अब इस मामले में नए सिरे से सुनवाई होगी.
CJI बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल किसी पुनर्जीवित कंपनी के 25,000 कर्मचारियों के साथ अन्याय करने के लिए नहीं कर सकता. मुख्य न्यायाधीश गवई और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने मामले की नए सिरे से सुनवाई का निर्देश दिया.
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि यह फैसला विभिन्न फैसलों में निर्धारित कानूनी स्थिति पर सही ढंग से विचार नहीं करता है. फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है. अगर भूषण स्टील का परिसमापन हुआ तो 25,000 लोग सड़क पर आ जाएंगे. अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल पूर्ण न्याय के लिए किया जाना चाहिए, अन्याय के लिए नहीं.
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