भारत सरकार विदेश में छिपे वांटेड अपराधियों को लेकर पूरी तरह से सख्त है. देश की पुलिस भी अपराधियों को लेकर हमेशा एक्टिव रहती है. वह हर संभव कोशिश में लगी रहती है कि अपराधियों को कैसे दबोचा जाए. केंद्रीय एजेंसियां भी अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में लगी रहती हैं. गौर करने वाली बात यह है कि जो अपराधी देश छोड़कर विदेश भाग जाते हैं उनको वापस लाना आसान नहीं होता. उनको वापस लाने के लिए बहुत ही पापड़ बेलने पड़ते हैं. यह बड़ी चुनौती है. फिलहाल एजेंसियों को इसके लिए इंटरपोल की मदद लेनी पड़ती है. लेकिन अब भारतपोल (Bharatpol Portal) इस काम को बहुत आसान कर देगा. केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह ने भारत मंडपम में आज भारतपोल पोर्टल का उद्धघाटन किया.
भारतपोल क्या है?
भारतपोल एक कॉमन पोर्टल है, जिसको सीबीआई ने इंटरपोल की तर्ज पर तैयार किया है. इस पोर्टल में सभी जांच एजेंसियां जैसे सीबीआई, ईडी, एनआईए और सभी राज्यों की पुलिस शामिल होगी. इंटरपोल की तर्ज पर सीबीआई, ईडी, एनआईए समेत सभी एजेंसियां और सभी राज्यों की पुलिस एक कॉमन पोर्टल के जरिए जुड़ी रहेगी. इस पोर्टल के जरिए किसी भी तरह की आतंकवादी वारदात, संगीन क्राइम, नार्को, साइबर क्राइम में वांटेड अपराधी तक पहुंचना और आसान हो जाएगा.
विदेश में बैठे अपराधियों की अब खैर नहीं!
पिछले काफी सालों में देखा गया है कि वांटेड अपराधी किसी भी तरह का क्राइम मसलन आतंकवादी गतिविधि, साइबर क्राइम, बैंक फ्रॉड जैसे क्राइम करके देश छोड़कर आसानी से विदेश भाग जाते हैं. वह विदेश से बैठकर भारत में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं. गैंगवार इसके ताजा उदाहरण हैं. गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा जैसे बड़े-बड़े गैंगस्टर कभी कनाडा तो कभी अमेरिका में बैठकर भारत मे गैंगवार करवाते है. खालिस्तानी भी इस मामले में पीछे नहीं है. लेकिन अब उन पर पुलिस और एजेंसियों की सीधी नजर रहेगी.
एजेंसियों और पुलिस का तालमेल होगा आसान
अभी तक अगर किसी भी एजेंसी को किसी वांटेड अपराधी को विदेश से भारत वापस लाना होता है तो प्रत्यर्पण के लिए वो एजेंसी सीबीआई को मेल या चिट्ठी के जरिए संपर्क करती है. ऐसे में खबर लीक होने का खतरा बना रहता है. भारतपोल के माध्यम से सभी एजेंसियां और राज्यों की पुलिस आपस में सीधे कनेक्ट होगी. इससे कॉर्डिनेशन और बेहतर होगा.
भारतपोल क्यों बनाया गया है?
- केंद्र सरकार भारतपोल जैसा बड़ा कदम भगोड़े अपराधियों की देश में आसान वापसी के लिए उठा रही है
- यह पोर्टल सीबीआई के अधीन काम करेगा
- सभी राज्यों की पुलिस इस पोर्टल के जरिए इंटरपोल की मदद सीधे ले सकेगी
- इस पोर्टल के जरिए साइबर अपराध समेत दूसरे क्राइम के मामलों की जांच में तेजी आएगी
- इस पोर्टल के जरिए अपराधियों की रियल टाइम जानकारी आसानी से जुटाई जा सकेगी.
भारतपोल से होगा क्या फायदा?
इस पोर्टल को शुरू करने का मकसद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का इंटरपोल के साथ तालमेल को आसान बनाना है. अब राज्यों की पुलिस को भी ये फायदा होगा कि इस पोर्टल के जरिए वह किसी भी अपराधी की जानकारी के लिए इंटरपोल को सीधे रिक्वेस्ट कर सकती हैं. फिलहाल राज्यों को पहले सीबीआई से अपील करनी पड़ती है. सीबीआई इसे इंटरपोल के पास भेजती है. लेकिन अब यह काम डायरेक्ट हो जाएगा.