
ED Action in Bharat Rice Scheme Scam: भारत राइस योजना के जरिए गरीबों को वितरित किए जाने वाले चावल में हुए घोटाले की जांच जारी है. पंजाब, हरियाणा में हुए घोटाले में कई राइस मिल मालिकों की भूमिका संदिग्ध है. जालंधर स्थित प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीते 23 मई को हरियाणा और पंजाब के कई आवासीय और व्यापारिक परिसरों पर बड़ी छापेमारी की. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में की गई, जो ‘भारत राइस योजना' के तहत गरीबों को वितरित किए जाने वाले चावल में हुए धोखाधड़ी से जुड़ी हुई है.
छापेमारी के दौरान ईडी ने 2.02 करोड़ रुपये , लगभग 1.12 करोड़ रुपये मूल्य का सोने के बुलेयन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य रिकॉर्ड जब्त किए हैं.
कई राइस मिल के मालिकों के खिलाफ चल रही जांच
बताया गया कि यह मामला पंजाब पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर पर आधारित है, जिसमें शिव शक्ति राइस मिल के मालिक गोपाल गोयल, जय जिनेन्द्र राइस मिल, हरीश कुमार बंसल एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
गरीबों को कम कीमत पर मिलने वाले चावल की कालाबाजारी
जांच में खुलासा हुआ है कि इन लोगों ने सरकार से गरीबों को कम कीमत पर चावल वितरित करने के लिए भारत राइस योजना के तहत चावल प्राप्त किया था. इन्हें चावल की सफाई, पैकेजिंग और 5 या 10 किलो के पैकेट में आमजन तक पहुंचाना था. लेकिन आरोपियों ने योजना का उल्लंघन करते हुए चावल को अन्य राइस मिलर्स को बेच दिया.
जब्त कैश व जेवर काली कमाई से अर्जित
यह भी बात सामने आई की आरोपियों ने अन्य गैर-कानूनी माध्यमों से चावल को बाजार में उतार दिया. इससे उन्हें अवैध रूप से मोटी कमाई हुई, जिसे ईडी ने ‘अपराध से कमाई आय करार दिया. ईडी की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और गरीबों के हक के गबन के खिलाफ एक बड़ा कदम मानी जा रही है. मामले में आगे की जांच जारी है.
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