राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' के कन्याकुमारी से दिल्ली पहुंचने पर पहला पड़ाव खत्म हो गया है. एक सप्ताह के ब्रेक के बाद 3 जनवरी से एक बार फिर ये यात्रा उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली से कश्मीर के लिए निकलेगी. एनडीटीवी के मनोरंजन भारती ने राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश से इस यात्रा से जुड़े कई मुद्दों पर बात की.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एनडीटीवी से कहा कि ये प्रेरणा है जो नफरत छोड़ो भारत जोड़ो का संदेश दे रही है. एक मकसद है कि 30 जनवरी के पहले यात्रा कर श्रीनगर में तिरंगा फहराएं. उन्होंने कहा कि कई बाधाएं आई हैं, खासकर बीजेपी शासित प्रदेशों में, उसके बावजूद हमने 108 दिन में 3200 किमी की यात्रा पूरी की है. ये कांग्रेस, राहुल गांधी और देश वासियों के लिए बड़ी बात है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए मोटी चमड़ी की जरूरत पड़ती है और राहुल गांधी के पास मोटी चमड़ी है, तभी सर्दियों में भी वो टी-शर्ट पहन सकते हैं. राहुल गांधी के टी-शर्ट पर नहीं, यात्रा पर बात होनी चाहिए. टी-शर्ट पहनें या कुछ भी पहनें इससे कोई मतलब नहीं है. उन्होंने सही कहा है कि क्या ये सवाल आप किसानों और गरीबों से पूछते हैं, क्यों बार-बार आप राहुल से पूछते हैं.
जयराम रमेश ने कहा कि और राज्यों में भी यात्रा होगी. अभी 850 किमी की यात्रा असम में पूरी की. कल पश्चिम बंगाल में कलकत्ता से सिलिगुड़ी तक 800 किमी की यात्रा निकाली जाएगी. 5 जनवरी को बिहार में यात्रा निकाली जाएगी, यूपी में भी यात्रा होगी. इस पर अभी सोच विचार हो रहा है, अलग-अलग राज्यों में यात्रा हो रही है. ओडिशा में हो गई है, त्रिपुरा में भी होगी.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भारत जोड़ो का संदेश है कि नफरत छोड़ो. यही अटल जी थे, जिन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को याद दिलाया था, कि राजधर्म पूरा करो, हालांकि उन्होंने ऐसे नहीं किया. उन्होंने कहा कि अटल जी ने 1962 में नेहरू जी को खत लिखा था, अक्टूबर में पार्लियामेंट बुलाने की मांग की और नेहरू जी ने पार्लियामेंट बुलाई. चीन का जब हमला हुआ उस वक्त पार्लियामेंट चल रहा था. लोकसभा और राज्यसभा में बहस हो रही थी. अब देख लीजिए क्या हालत है? लद्दाख और अरुणाचल में क्या हो रहा है? और पार्लियामेंट में बहस होने ही नहीं दे रहे हैं.
जयराम रमेश ने कहा कि अटल जी एक बड़े दिल के नेता थे, इंदिरा गांधी के प्रशंसक थे. उन्होंने खुद स्वीकारा था कि राजीव गांधी की वजह से उन्हें एक नया जीवन मिला. इलाज कराने के लिए उन्हें विदेश भेजा था. संयुक्त राज्य अधिवेशन के लिए उन्हें भेजा था, ताकि उनकी मेडिकल जांच हो सके. अटल जी प्रतिशोध की राजनीति में विश्वास नहीं रखते थे. राजनीतिक उत्पीड़न की राजनीति में भरोसा नहीं करते थे. आज का वातावरण बिल्कुल अलग है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी चौधरी चरण सिंह, जगजीवन राम और लाल बहादुर शास्त्री की समाधी पर भी गए. जो समाधियां दिल्ली में राजघाट के पास है वहां राहुल गए, क्योंकि उनका मानना है कि 'नफरत छोड़ो. भारत जोड़ा'. राजनाथ सिंह, गडकरी जी, वेंकैया नायडू, अडवाणी जी सबका स्वागत है.
सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ मायावती और अखिलेश यादव शामिल होंगे कि नहीं इसके बारे में अभी जानकारी नहीं है. हम उम्मीद करते हैं कि वो आएंगे. सभी राजनीतिक दलों के नेता को हमने पहले ही न्योता दिया था, जो दल मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ है, सामाजिक ध्रुवीकरण के खिलाफ है उनका
भारत जोड़ो यात्रा में स्वागत है.
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों से एजेंसियां पूछताछ कर रही है. हरियाणा में कई नागरिक संस्थाओं, पूर्व सैनिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से पूछताछ की गई. जो दस्तावेज, जो ज्ञापन राहुल गांधी को दिए जाते थे, उनकी कॉपी मांगी गई. कंटेनर में दो लोग पाए गए जो बिना अनुमति के कंटेनर में घुस गए. उनके खिलाफ हमने सोहना पुलिस स्टेशन में शिकायत की है. हम उम्मीद करते हैं कि इस पर कार्रवाई हो.
उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को दिल्ली पुलिस की लापरवाही से राहुल गांधी के जान को खतरा था, ड्रोन फुटेज भी हम पेश करेंगे. ये बार-बार जो हेरेसमेंट हो रहा है, सभी बीजेपी शासित प्रदेशों में.. कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में यही हुआ. अब हरियाणा में भी हो रहा है. ये सब डबल इंजन की सरकार है. दिल्ली के इंजन की अनुमति से जो राज्य सरकार में इंजन है वो आगे नहीं चलता है. ये प्रतिशोध और उत्पीड़न का इंजन है.
सांसद ने कहा कि ये चुनाव जीतो या जिताओ यात्रा नहीं है. हम राजनीतिक पार्टी हैं, ये बात सही है, राजनीतिक पार्टी चुनाव के लिए तैयारी होती है, चुनाव लड़ते हैं, हारना-जीतना अलग बात है. 26 जनवरी से 26 मार्च तक हमने अभियान की घोषणा की है, हाथ जोड़ो अभियान, जो ब्लाक, ज़िला और राज्य के स्तर पर होगा. भारत जोड़ो में जो सफलता हासित की है, उसको हम आगे ले जाएंगे. सबसे बड़ा असर हमारे संगठन पर है. हमारे संगठन में नई एकता एकजुटता अनुशासन आया है. उम्मीद है कि 23 के विधानसभा और 24 के लोकसभा चुनावों में ये फायदेमंद होगा, लेकिन ये खुद से नहीं होगा. संगठन के लिए भारत जोड़ो यात्रा संजीवनी की तरह है. सफलता को आगे ले जाना संगठन पर निर्भर करता है.
उन्होंने कहा कि मैं आंकड़े के खेल में नहीं जाउंगा, लेकिन कार्यकर्ताओं में जोश आया है, कार्यकर्ता काफी सक्रिय हैं, उमंग दिखाई दे रहा है. चुनाव में इसका पॉजिटिव असर होगा. हमने मांग की है, प्रशासन और गवर्नर से बात हुई है,
उम्मीद करते हैं कि 30 जनवरी के पहले राहुल गांधी श्रीनगर जाएंगे और वहां पर तिरंगा फहराया जाएगा.
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