बेंगलुरु की एक स्थानीय अदालत ने भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बी. वी. श्रीनिवास की ट्रांजिट अग्रिम जमानत खारिज कर दी है. श्रीनिवास पर असम की एक युवा कांग्रेस नेता अंगकिता दत्ता ने उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाया गया है, और उन्हें दो मई को पूछताछ के लिए असम पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में श्रीनिवास ने ट्रांजिट जमानत का अनुरोध किया था ताकि वे जमानत के लिए सक्षम अदालत का दरवाजा खटखटा सकें. न्यायाधीश के. एस. ज्योतिश्री ने गरुवार को याचिका पर सुनवाई की और शुक्रवार को इसे खारिज कर दिया.
दत्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील फणींद्र ने कहा कि आरोपी पहले ही इस मामले में गुवाहाटी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुका है, लेकिन दावा किया है कि उसने इस याचिका में किसी अन्य अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया है.
वकील ने तर्क दिया कि चूंकि श्रीनिवास प्रभावशाली हैं, इसलिए जमानत दिए जाने पर वह सबूत नष्ट कर देंगे. उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप गंभीर हैं, इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ आवश्यकता है.
श्रीनिवास के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकिरण शेट्टी ने कहा कि शिकायतकर्ता की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ सांठगांठ है और उसने राजनीतिक दुर्भावना से आरोप लगाया है. असम पुलिस कथित घटना के काफी समय बाद दर्ज शिकायत के आधार पर श्रीनिवास को गिरफ्तार करने के लिए कर्नाटक में है.
दत्ता ने आरोप लगाया था कि श्रीनिवास ने छह महीने से अधिक समय तक उनका उत्पीड़न किया और उन्हें धमकाते हुए इस मामले को कांग्रेस नेताओं के समक्ष नहीं उठाने के लिए कहा था.
दत्ता ने आरोप लगाया था कि श्रीनिवास ने 25 फरवरी को छत्तीसगढ़ के एक होटल में उनपर हमला किया था और इससे पहले गुवाहाटी में भी उनका उत्पीड़न कर चुके थे. दत्ता ने 19 अप्रैल 2023 तक असम के कामरूप में एक थाने में मामला दर्ज कराया था.
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