विज्ञापन
Story ProgressBack

Battleground at NDTV : लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल पर क्यों टिकीं सबकी नजरें?

NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने बैटलग्राउंड एट एनडीटीवी में वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद स्वपन दास गुप्ता, सोशल एक्टिविस्ट और स्टॉक मार्केट वाचर मुदार पाथेरिया और डेटा साइंटिस्ट पॉलिटिकल एनालिस्ट अमिताभ तिवारी से चर्चा की.

Read Time: 5 mins

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अपेक्षित सफलता कुछ हद तक पश्चिम बंगाल के नतीजों पर भी टिकी है.

नई दिल्ली:

Lok Sabha Elections 2024:  यह चुनाव वैसे तो बोरिंग है क्योंकि आउटकम सबको पता है, लेकिन इसके बावजूद जिन राज्यों पर सबसे ज्यादा नजर है वे हैं वेस्ट बंगाल (West Bengal), महाराष्ट्र, कर्नाटक, कह सकते हैं ओडिशा और बिहार. इस चुनाव में कोलकाता डिफाइन करेगा कि इस चुनाव में किसके नंबर के क्लेम हैं, प्रिडिक्शन हैं, हम कहां पहुंचते हैं. कोलकाता के 97 साल पुराने कॉफी शॉप में NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने बैटलग्राउंड एट एनडीटीवी (battleground at NDTV) में चुनाव को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद स्वपन दास गुप्ता, सोशल एक्टिविस्ट और स्टॉक मार्केट वाचर मुदार पाथेरिया और डेटा साइंटिस्ट पॉलिटिकल एनालिस्ट अमिताभ तिवारी से चर्चा की.    

Advertisement
बीजेपी के सामने 30 सीटें जीतने की चुनौती

यह चुनाव बोरिंग है, क्या बंगाल इसको इंटरेस्टिग बना रहा है? इस सवाल पर स्वपन दास गुप्ता ने कहा कि, पिछले बार भी आप देखेंगे तो बीजेपी तीन सौ पार.. बीजेपी इसलिए 300 पार करने में सफल हुई क्योंकि उसे बंगाल में 18 सीटें मिल गईं.. और कोई एक्सपेक्ट नहीं कर रहा था, बंगाल की बीजेपी भी नहीं कि 18 सीटें बंगाल से आने वाली हैं. तो इस बार चैलेंज है कि आप 25 क्रास करेंगे कि नहीं. अगर आप 25 पार करके 30 पर पहुंच जाएंगे तो आप 400 पार के आसपास आ सकते हैं. तो मैं समझता हूं कि बंगाल में बहुत चुनौती है. और एक चीज कि 1971 के बाद बंगाल में लोकसभा चुनाव में किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने सीटों में मेजॉरिटी हासिल नहीं की. तो अगर बीजेपी 21 से ज्यादा सीटें जीत पाती है तो यह नेशनल पार्टी की बंगाल में वापसी होगी. यह इसीलिए रोचक है. 

बंगाली अस्मिता एक बहुत बड़ा मुद्दा

पश्चिम बंगाल को किन-किन फैक्टर के लिए लोग वाच कर रहे हैं? स सवाल पर अमिताभ तिवारी ने कहा कि, देखिए पिछली बार नरेंद्र मोदी और बीजेपी को यह लगा था कि नॉर्थ में नुकसान हो सकता है तो सबसे ज्यादा रैली यूपी के बाद बंगाल और ओडिशा में हुई थीं. 15 सीटों का फायदा बंगाल से और आठ सीटों का फायदा ओडिशा में मिला. अब इस बार अगर 400 पार का नारा है तो यहां से लगभग 30 सीटें जीतना बहुत जरूरी है. लीडरशिप एक बहुत बड़ा फैक्टर है. प्रधानमंत्री मोदी को जो एक एडवांटेज मिलता है, राहुल गांधी के खिलाफ दूसरे राज्यों में.. यहां पर क्योंकि ममता बनर्जी एक बहुत स्ट्रांग लीडर हैं, वो एडवांटेज कहीं ना कहीं न्यूट्रलाइज होता है. तो फिर बच जाता है आपका संगठन और लोकल कैंडिडेट पर फोकस आ जाता है. बंगाली अस्मिता, बंगाली प्राइड एक बहुत बड़ा इशू है. 1971 के बाद कभी भी कोई राष्ट्रीय पार्टी यहां पर ज्यादा सीटें नहीं जीत पाई है... और एक भीतरी बनाम बाहरी, ये एक जो नारा है, ममता बनर्जी का, वह भी कहीं ना कहीं चलता है. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि, अब देखना पड़ेगा कि पिछली बार काफी क्लोज कॉन्टेस्ट थे. लगभग 22 सीटें हैं जहां पर 10 प्रतिशत से कम मार्जिन था, यानी कि लगभग एक लाख से कम अंतर था. 11 में भाजपा जीती थी और 11 में टीएमसी जीती थी. तो यहां पर कहीं ना कहीं यह जो पूरा खेल है इसका फैसला इन 22 सीटों पर अटका हुआ है. 

Advertisement
लोकसभा चुनाव को लोकल बनाने की ममता की रणनीति

बंगाल में लोग अपना एक लोकल हीरो देखना चाहते हैं, तो मोदी हैं लेकिन लोकल फेस चाहिए, वहां एक गैप है? इस बारे में सवाल पर स्वपन दास गुप्ता ने कहा कि, देखिए लोकल फेस कितना चाहिए या नहीं चाहिए, यह नतीजे ही बतलाएंगे लेकिन यह बात साफ है कि यह एक राष्ट्रीय चुनाव है. ममता बनर्जी की कोशिश जितना संभव हो इसे लोकल बनाने की है, उनकी यही रणनीति है. अगर लोकलाइज्ड हो जाए तो उनका उनका ही फायदा होगा. उनका जमीनी संगठन है, काउंसलर्स हैं, पंचायत है.. बीजेपी को चाहिए एकदम ऊपर राष्ट्रीय, इंटरनेशनल स्ट्रांग लीडरशिप, अर्थव्यवस्था... बीजेपी में एक-दो मूर्ख हैं जो चाहते हैं कि एकदम लोकलाइज कर दें. यह दो अलग-अलग तरह की एप्रोचेस हैं. 

Advertisement
स्टॉक मार्केट यह मानकर चल रहा कि मोदी की होगी वापसी

स्टॉक मार्केट क्या रीड कर रहा है? इस सवाल पर मुदार पाथेरिया ने कहा कि, स्टॉक मार्केट ने फैक्टर पहले ही कर लिया है कि नरेंद्र मोदी की अगले टर्म के लिए वापसी हो रही है. तो ये तो निष्कर्ष निकाल लिया है. मैं यह भी कहता हूं कि अगर मोदी जीत गए और भाजपा जीत गई तो  स्टॉक मार्केट के रिएक्शन पर सरप्राइज न हों, यानी कि यह थोड़ा नीचे भी गिर सकता है क्योंकि यह तो आलरेडी फैक्टर है. इसमें अब कोई रहस्यमयी घटना नहीं है. अब तो यह इशू है कि 300 पार, 350 पार या 400 पार.. गेम उसका है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
NDTV EXCLUSIVE: PM नरेंद्र मोदी से पहले आर्थिक मोर्च पर उम्मीद से कम रहा भारतीय प्रदर्शन, बोले राजनीति विज्ञानी इयान ब्रेमर
Battleground at NDTV : लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल पर क्यों टिकीं सबकी नजरें?
"देश को मजबूत सरकार की जरूरत, ये चुनाव भारत को टॉप-3 में ले जाएगा" : दिल्ली की रैली में PM मोदी
Next Article
"देश को मजबूत सरकार की जरूरत, ये चुनाव भारत को टॉप-3 में ले जाएगा" : दिल्ली की रैली में PM मोदी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;