विज्ञापन
This Article is From Oct 30, 2022

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए निर्माण समेत इन गतिविधियों पर पाबंदी

चरण तीन के तहत पाबंदियों में निर्माण, तोड़फोड़ और खनन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक लगेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो समेत अन्य आवश्यक परियोजनाओं को इससे छूट होगी.

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए निर्माण समेत इन गतिविधियों पर पाबंदी
दिल्ली की आबोहवा में घुला जहर
नई दिल्ली:

प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच केंद्र सरकार की वायु गणवत्ता समिति ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर के प्राधिकारों को निर्देश दिया कि वे आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चरण तीन के तहत निर्माण, तोड़ फोड़ समेत अन्य गतिविधियों पर पाबंदियों को तुरंत लागू करें. प्रदूषण रोकथाम के उपायों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार और उपराज्यपाल वी के सक्सेना के बीच ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद करने के लिए यात्रियों को प्रोत्साहित करने के प्रस्तावित अभियान पर विवाद हो गया. उपराज्यपाल ने कहा कि तकनीकी समाधान और अस्थायी कदमों की आवश्यकता नहीं है.

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में धुंध की परत छाने और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बीच वायु गुणवत्ता ‘गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की कगार पर है. दिल्ली में 24 घंटों का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक अपराह्न चार बजे 397 था जो जनवरी के बाद से सबसे खराब स्तर है. इसके पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार (दिवाली) को 312, मंगलवार को 302, बुधवार को 271 और बृहस्पतिवार को 354 था. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की शनिवार शाम को आयोजित आपात बैठक में कहा गया कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों और पराली जलाने की घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी के कारण दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी के चरण तीन पर तुरंत अमल को जरूरी माना गया है.

राजधानी और इसके आसपास के इलाके में हालात की गंभीरता के मद्देनजर जीआरएपी में वायु प्रदूषण निरोधक कदमों की सूची है. दिल्ली-दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक', 101 से 200 को ‘मध्यम', 201 से 300 को ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर' माना जाता है. चरण तीन के तहत पाबंदियों में निर्माण, तोड़फोड़ और खनन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक लगेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो समेत अन्य आवश्यक परियोजनाओं को इससे छूट होगी.

हालांकि, इससे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों में आवास परियोजनाओं के प्रभावित होने की संभावना है. क्षेत्र में खनन गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी. अगले चरण ‘‘गंभीर प्लस'' श्रेणी या चरण-चार में दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सरकारी, निगम और निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देना, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना तथा सम-विषम व्यवस्था के आधार पर वाहनों का परिचालन जैसे कदम शामिल हो सकते हैं. शनिवार को, उपराज्यपाल सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान पर पुनर्विचार करने के लिए कहा और इस तरह के ‘‘अस्थायी'' उपाय के असर पर सवाल उठाते हुए फाइल वापस भेज दी.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान पर उपराज्यपाल द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी और उनकी मंजूरी के लिए फाइल फिर से जमा करेगी. एक सूत्र ने कहा कि उपराज्यपाल ने अत्यधिक प्रदूषण वाले यातायात चौराहों और अन्य स्थानों पर नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) की तैनाती को ‘‘अमानवीय'' और ‘‘शोषण'' वाला कदम बताते हुए आपत्ति जताई है. सूत्र ने कहा, ‘‘इसके अलावा, लंबे समय से मौजूद इस समस्या के किसी भी प्रभावी और टिकाऊ समाधान में साल दर साल तकनीकी हस्तक्षेप की जरूरत होगी, न कि अस्थायी उपाय काम आएंगे.''

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को तैनात करने और उन्हें जोखिम में डालने के बजाए लंबे समय के लिए तकनीकी समाधान खोजने की जरूरत है. राय रविवार को जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत लागू किए जाने वाले उपायों पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. सीएक्यूएम ने कहा कि अधिकारी वायु गुणवत्ता के खराब होने के मद्देनजर एनसीआर में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाले चार पहिया वाहनों पर रोक लगा सकते हैं. यह निर्देश प्राधिकारों के लिए बाध्यकारी नहीं है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर' ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार को बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई, जो इस साल अब तक का सबसे अधिक है.

‘सफर' के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि रविवार को यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधि पर पाबंदी का मतलब होगा कि जमीन की खुदाई और बोरिंग नहीं होगी. इसी तरह वेल्डिंग, निर्माण सामग्री की लदान या इसे उतारने और राख समेत कच्चे माल के परिवहन आदि पर पाबंदी लगेगी. स्वच्छ ऊर्जा से नहीं चलने वाले ईंट भट्ठों, पत्थर क्रशर, खनन और इससे जुड़ी गतिविधियों पर एनसीआर में पाबंदी लगा दी गई है.

एनसीआर के प्राधिकारों को कहा गया है कि उन उद्योगों को बंद कराएं जो औद्योगिक क्षेत्र में पीएनजी का आधारभूत ढांचा और आपूर्ति होने के बावजूद स्वीकृत ईंधन से संचालित नहीं हो रहे हैं. सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया कि पेपर एवं लुगदी प्रसंस्करण, डिस्टिलरी और थर्मल बिजली संयंत्र शनिवार और रविवार को बंद रहेंगे, धान प्रसंस्करण की इकाइयां सोमवार और मंगलवार को बंद रहेंगी, डाईंग प्रक्रिया समेत कपड़े का काम बुधवार और बृहस्पतिवार को बंद रहेगा. इसी उक्त श्रेणी में नहीं आने वाले अन्य उद्योग भी शुक्रवार और शनिवार को बंद रहेंगे. लेकिन दुग्ध और डेयरी इकाइयों समेत जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों के निर्माण में शामिल उद्योगों को छूट दी गई है.

पिछले साल, हवा की गुणवत्ता में गिरावट के बाद नवंबर में जीआरएपी-चार के तहत प्रतिबंध लगाए गए थे. दिल्ली सरकार के महीने भर के ‘रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ' अभियान का उद्देश्य ड्राइवरों को ट्रैफिक सिग्नल पर इंतजार करते हुए अपने वाहनों के इंजन को बंद करने के लिए प्रोत्साहित करना है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने पूर्व में उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी से वह 28 अक्टूबर को अभियान की शुरुआत को स्थगित करने के लिए मजबूर हुई है. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने दावा किया कि पर्यावरण मंत्री राय ने झूठ बोला था 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
महाराष्ट्र चुनाव: MVA ने फाइनल कर ली डील, जानें कांग्रेस-शिवसेना UBT और शरद पवार गुट को मिली कितनी सीटें?
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए निर्माण समेत इन गतिविधियों पर पाबंदी
कश्मीर के विकास से क्यों चिढ़ते हैं आतंकवादी? गांदरबल हमले ने दिखाया इनका असली चेहरा
Next Article
कश्मीर के विकास से क्यों चिढ़ते हैं आतंकवादी? गांदरबल हमले ने दिखाया इनका असली चेहरा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com