नई दिल्ली:
केस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत 12 लोगों पर आपराधिक साज़िश का मुक़दमा चलाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही ये ख़बर एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. इस मामले के मुख्य आरोपी पवन पांडे ने अब इस मामले में एक बड़ा दावा किया है. पांडे के मुताबिक बाबरी ढांचे को योजनाबद्ध तरीके से गिराया गया और कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही इसकी तैयारी शुरू हो गई थी.
NDTV इंडिया से बातचीत में पांडे दावा कर रहे हैं कि 6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए 5 दिसंबर को जो बैठक बुलाई गई थी उसमें आडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल मौजूद थे.
बाबरी केस में पवन पांडे का दावा है कि बीजेपी के बड़े नेताओं को साज़िश की जानकारी थी. आडवाणी, उमा, सिंघल, कल्याण सिंह को जानकारी थी. बाबरी ढ़ाचे को गिराने का काम योजनाबद्ध था. 1991 में कल्याण सिंह के सीएम बनते ही योजना तैयार होने लगी थी. 5-6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए बैठक हुई थी. इस बैठक में बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, और विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल मौजूद थे. इसी बैठक में अंतिम रणनीति तैयार की गई थी. पांडे का कहना है कि इस बैठक में ही दो मत हो गए थे. कुछ लोग विवादित ढांचे को गिराए जाने की बात कह रहे थे तो कुछ इसके खिलाफ थे.
इस पूरे मामले में वेदांती महाराज के बयान से पवन पांडे नाराज हैं. उनका कहना है कि वेदांदी झूठ बोल रहे हैं, वे ढांचा गिराने के दौरान वहां मौजूद नहीं थे. बता दें कि बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने कहा है कि अयोध्या में विवादित ढांचा आडवाणी और जोशी ने नहीं बल्कि उन्होंने तुड़वाया. साथ ही उन्होंने कहा कि जो ढांचा उन्होंने तुड़वाया वहां कभी मस्जिद थी ही नहीं.
तब के शिवसेना के नेता और विधायक रहे पवन पांडे ने दावा किया है कि कारसेवकों को ढांचा तोड़ने की ट्रेनिंग दी गई थी. ढांचा कैसे तोड़ना है. दो जिलों में सैकड़ों कारसेवकों में पत्थर तोड़ने की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी.
पवन पांडे का कहना है कि अब तक उन्होंने कोर्ट में कुछ नहीं कहा है. क्योंकि कोर्ट में अभी तक उनके बयान दर्ज करने की बारी नहीं आई है. उन्होंने यह भी कहा कि वह जो NDTV से कह रहे हैं, वही कोर्ट में कहेंगे. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने ही मीर बाक़ी का पत्थर तोड़ा था. उनका दावा है कि सीबीआई का पास पत्थर का एक हिस्सा है जबकि दो हिस्से उनके पास अब भी हैं.
कौन है पवन पांडे?
NDTV इंडिया से बातचीत में पांडे दावा कर रहे हैं कि 6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए 5 दिसंबर को जो बैठक बुलाई गई थी उसमें आडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल मौजूद थे.
बाबरी केस में पवन पांडे का दावा है कि बीजेपी के बड़े नेताओं को साज़िश की जानकारी थी. आडवाणी, उमा, सिंघल, कल्याण सिंह को जानकारी थी. बाबरी ढ़ाचे को गिराने का काम योजनाबद्ध था. 1991 में कल्याण सिंह के सीएम बनते ही योजना तैयार होने लगी थी. 5-6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए बैठक हुई थी. इस बैठक में बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, और विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल मौजूद थे. इसी बैठक में अंतिम रणनीति तैयार की गई थी. पांडे का कहना है कि इस बैठक में ही दो मत हो गए थे. कुछ लोग विवादित ढांचे को गिराए जाने की बात कह रहे थे तो कुछ इसके खिलाफ थे.
(बाबरी विध्वंश मामले के आरोपी पवन पांडे)
इस पूरे मामले में वेदांती महाराज के बयान से पवन पांडे नाराज हैं. उनका कहना है कि वेदांदी झूठ बोल रहे हैं, वे ढांचा गिराने के दौरान वहां मौजूद नहीं थे. बता दें कि बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने कहा है कि अयोध्या में विवादित ढांचा आडवाणी और जोशी ने नहीं बल्कि उन्होंने तुड़वाया. साथ ही उन्होंने कहा कि जो ढांचा उन्होंने तुड़वाया वहां कभी मस्जिद थी ही नहीं.
तब के शिवसेना के नेता और विधायक रहे पवन पांडे ने दावा किया है कि कारसेवकों को ढांचा तोड़ने की ट्रेनिंग दी गई थी. ढांचा कैसे तोड़ना है. दो जिलों में सैकड़ों कारसेवकों में पत्थर तोड़ने की विशेष ट्रेनिंग दी गई थी.
पवन पांडे का कहना है कि अब तक उन्होंने कोर्ट में कुछ नहीं कहा है. क्योंकि कोर्ट में अभी तक उनके बयान दर्ज करने की बारी नहीं आई है. उन्होंने यह भी कहा कि वह जो NDTV से कह रहे हैं, वही कोर्ट में कहेंगे. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने ही मीर बाक़ी का पत्थर तोड़ा था. उनका दावा है कि सीबीआई का पास पत्थर का एक हिस्सा है जबकि दो हिस्से उनके पास अब भी हैं.
कौन है पवन पांडे?
- बाबरी केस के मुख्य आरोपियों में एक
- अयोध्या आंदोलन के वक़्त यूपी शिवसेना अध्यक्ष
- बाल ठाकरे के काफ़ी क़रीब रहे
- 1989 में आडवाणी की रथ यात्रा में शामिल
- रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष रामचंद्र परमहंस के क़रीबी
- 1990 में कारसेवकों पर फ़ायरिंग में बाल बाल बचे
- परमहंस के नेतृत्व में 17 बार जेल जा चुके हैं
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं