अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मंगलवार को 39 वें दिन की सुनवाई की. आज की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने रामलला के वकील सीएस वैधनाथन से कहा कि वे बुधवार को 45 मिनट बहस कर सकते हैं. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि क्या मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ पर भी कल ही बहस होगी? कोर्ट ने कहा कल एक घंटा मुस्लिम पक्षकार जवाब देंगे. चार पक्षकारों को 45-45 मिनट मिलेंगे.अयोध्या मामले की सुनवाई बुधवार को ही खत्म होने की उम्मीद है. मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर भी कल ही सुनवाई हो सकती है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जब रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन अपनी दलीलें रख रहे थे तब मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने उन्हें कई बार टोका. इसको लेकर वैद्यनाथन के आपत्ति जताने पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट में बहसों के दौरान ऐसा होता है. बाद में जब फिर धवन ने टोका तो सीजेआई ने उन्हें जमकर फटकार लगाई. इस पर धवन ने माफी मांगी.
मंगलवार को सुनवाई शुरू होने के बाद मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कोर्ट से कहा कि निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन की मां का निधन हो गया है. ऐसे में आज सुशील जैन बहस नहीं कर पाएंगे, वह कल बहस करेंगे. कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील के परासरन से पूछा आप किसकी तरफ से बहस करेंगे? तो परासरन ने कहा कि महंत सुरेश दास की तरफ से. हिन्दू पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील परासरन ने बहस की शुरुआत की.
सुनवाई की शुरुआत करते हुए परासरन ने कहा कि आज सुनवाई का 39 वां दिन है. इस पर सीजेआई ने कहा कि कल 40 वां दिन है और 'बहस का आखिरी दिन' होगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जो बहस की सीमा तय की हुई है उसके हिसाब से सुनवाई बुधवार को पूरी हो जाएगी.
Ayodhya Case in Supreme Court Updates:
- अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में आज की सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने रामलला के वकील सीएस वैधनाथन को कहा कि बुधवार को 45 मिनट बहस कर सकते हैं. राजीव धवन ने कहा कि क्या मोल्डिंग ऑफ रिलीफ़ पर भी कल ही बहस होगी? कोर्ट ने कहा कल एक घंटा मुस्लिम पक्षकार जवाब देंगे. चार पक्षकारों को 45-45 मिनट मिलेंगे.
-अयोध्या मामले की सुनवाई बुधवार को ही खत्म होने की उम्मीद है. मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर भी कल ही सुनवाई हो सकती है.
-- वैद्यनाथन ने कहा ये इमारत तो मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल हो रही थी न कि इसे मस्जिद के तौर पर समर्पित किया गया था. जस्टिस बोबड़े ने कहा- समर्पण तो निष्कर्ष चीज़ है, क्या उसे सबूत माना जा सकता है? वैद्यनाथन ने कहा- ये बात तो जस्टिस खान ने भी कही है कि जब किसी सम्पत्ति के दो दावेदार और इस्तेमाल करने वाले हों तो उसे वक़्फ़ नहीं किया जा सकता. इसलिए वहां कोई विशिष्ट तौर पर समर्पण नहीं था. जस्टिस बोबड़े ने कहा- लेकिन वो मस्जिद के तौर पर इस्तेमाल तो हो रही थी? वैद्यनाथन ने कहा- हां, लेकिन उनके पास पजेशन के अधिकार का कोई सबूत नहीं है.
- इस बीच एक बार फिर राजीव धवन ने आपत्ति जताई तो चीफ जस्टिस ने धवन को बुरी तरह डांटा और बैठने को कहा. धवन माफी मांगते हुए बैठ गए.
- धवन की टोकाटाकी पर वैद्यनाथन ने कहा कि धवन बेवजह की दखलंदाजी कर रहे हैं. धवन ने कहा कि आप भी तो मेरी बहस के दौरान टोक रहे थे. वैद्यनाथन बोले- इस तरह रनिंग कमेंट्री के बीच वो बहस नहीं कर सकते. कोर्ट ने देखा है कि धवन काफी दखलंदाजी कर रहे हैं. ये उचित नहीं है.
- धवन चीखते हुए बोले- स्टॉप इट, जस्ट स्टॉप इट! इससे नाराज वैद्यनाथन ने आपत्ति जताते हुए कहा- कोर्ट का सम्मान करता हूं पर ऐसे माहौल में मैं बहस नहीं कर सकता. इस पर CJI ने कहा कि मिस्टर वैद्यनाथन कोर्ट में बहस के दौरान ऐसा होता रहता है. कभी आप ये सब करते हैं कभी वो, तो कभी हम. ये तो सामान्य है. आप बहस जारी रखें.
- 15 मिनट के टी ब्रेक के बाद सुनवाई फिर शुरू हुई. परासरण के बाद अब हिन्दू पक्षकारों की ओर से सीएस वैद्यनाथन दलीलें दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड 1949 से लेकर 1992 तक कब्ज़ा खो चुके थे. ग्रांट, वक़्फ़ और एडवर्स पजेशन को मुस्लिम पक्षकारों ने अपील का आधार बनाया है. ये सब ढांचे को लेकर हैं. ज़मीन पर अधिकार हमारा ही है.
-राजीव धवन ने वैद्यनाथन की दलील पर चीखते हुए कहा- 'जस्ट स्टॉप इट.' इस तरह की आपत्ति पर वैद्यनाथन नाराज हुए और कहा कि इनको ये हक नहीं है. मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं और इनका विरोध करता हूं.
-CJI ने कहा कि अगर हमें आपकी दलील पर आपत्ति होगी तो हम कहेंगे. आप उनकी बातों को दरकिनार कर दें. आप दलील जारी रखें.
-अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में CJI जस्टिस रंजन गोगोई ने हिन्दू पक्ष के वकील सीएस वैधनाथन से पूछा आप कितना समय चाहते हैं? सीएस वैधनाथन ने कहा कि दो घंटे उन्हें बहस करने के लिए चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम आपको दो घंटे नही देंगे बहस करने के लिए. CJI ने 4.15 से 5.15 तक बहस पूरी करने को कहा. सीएस वैधनाथन ने कहा कि आप हमें कल का 60 मिनट दे दीजिए बहस के लिए. CJI ने कहा कि हमनें ऐसे बहुत वादे देखे हैं. CJI ने नाराजगी जाहिर करते हुए करते हुए कहा ऐसे तो बहस दीवाली के बाद भी चलती रहेगी.
-हिंदू पक्ष के वकील वैधनाथन ने कहा कि हमनें कभी वादा नहीं तोड़ा है.
-हिंदू पक्ष की ओर से परासरण ने दलील जारी रखते हुए कहा कि दोनों पक्षों के पास एक्सक्लूसिव मालिकाना हक के सबूत नहीं हैं लेकिन रामजन्मभूमि अति प्राचीन होने से इस पर हमारा अधिकार है. हमारे देवस्थान की ज़मीन हमारी है, लेकिन इमारत पर मुस्लिम पक्ष अधिकार जताता रहा है. जहां तक बाबर के अयोध्या आने पर सवाल उठाने का है तो हमारा जवाब है कि इस बात के पुष्ट प्रमाण हैं कि बाबर अयोध्या आया था.
- जस्टिस नज़ीर ने हिंदू पक्ष से पूछा कि बिना एडवर्स पजेशन को साबित किए बगैर मालिकाना हक को साबित कर सकते हैं? परासरन ने कहा कि क्योंकि ड्युअल ओनरशिप का प्रावधान भारतीय कानून में है. लिहाज़ा एडवर्स पजेशन में भी किसी की जमीन पर कोई जबरन इमारत बना ले तो भी जमीन का मालिकाना हक ज़मीन वाले का ही रहता है. अभी भी हमें नहीं बल्कि मुस्लिम पक्ष मालिकाना हक सिद्ध करने की ज़रूरत है. क्योंकि हमारा दावा तो स्वयंसिद्ध है.
- CJI ने कहा कि - 'डॉ धवन, देखिए हम हिन्दू पक्ष से भी सवाल पूछ रहे हैं!'
- दअरसल आज के मामले की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील परासरन की दलीलों के बीच चीफ जस्टिस, जस्टिस बोबड़े और जस्टिस चन्दचूड़ ने कई सवाल पूछे.
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने धवन से पूछा -मिस्टर धवन, क्या हम हिंदू पक्ष से पर्याप्त सवाल पूछ रहे है? कल आपका कहना था कि सवाल हिंदू पक्ष से नहीं किये गए?
- धवन ने जवाब दिया कि उनके कहने का ये मतलब नहीं था. (कल मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सुनवाई के दौरान कहा था कि बेंच के सारे सवाल मुस्लिम पक्ष से ही रहे है.)
- राजीव धवन के बार-बार टोकने पर के परासरन ने कहा कि सुनवाई के 39 वें दिन जिरह को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए. धवन हिन्दू पक्षकारों से बहुत सवाल कर रहे हैं.
- CJI रंजन गोगोई ने परासरन से पूछा कि क्या आप मानते हैं एक बार एक मस्जिद बनने पर हमेशा वहां एक मस्जिद रहती है? इस पर परासरन ने कहा कि नहीं, हम कहते हैं कि एक बार मंदिर बन गया तो हमेशा के लिए मंदिर रहेगा.
- हिंदू पक्ष के वकील परासरन ने कहा- एक ऐतिहासिक गलती को सुधारा जाए. किसी को भारत के गौरवशाली इतिहास को नष्ट करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को नष्ट करने के ऐतिहासिक गलत काम को रद्द करना चाहिए.
- परासरन ने कहा- कोई शासक भारत में आकर ये नहीं कह सकता कि मैं सम्राट बाबर हूं और कानून मेरे नीचे है. जो मैं कहता हूं वो ही कानून है.
- हिन्दुओं ने भारत के बाहर जा कर किसी को तहस नहस नहीं किया. बल्कि बाहर से लोगों ने भारत में आ कर तबाही मचाई, हमारी प्रवृति अतिथि देवो भव: की है. हिंदुओं की आस्था है कि वहां पर भगवान राम का जन्म हुआ था, और मुस्लिम कह रहे है कि मस्जिद उनके लिए हैरिटेज प्लेस है. मुस्लिम किसी भी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं, लेकिन ये हमारे भगवान का जन्मस्थान है, हम जन्मस्थान को बदल नहीं सकते. - परासरन
- साथ ही परासरन ने कहा- परासरण ने कहा कि एक के बाद एक आक्रमणकारियों ने भारत पर हमला किया. लेकिन आर्य यहां के मूल निवासी थे. क्योंकि रामायण में भी सीता अपने पति श्री राम को आर्य कहकर संबोधित करती हैं. ऐसे में आर्य कैसे बाहरी आक्रमणकारी हो सकते हैं?
- राजीव धवन ने इस दलील का विरोध किया कि ये नई दलील है.
बता दें, अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष आज अपनी दलीलें रखेगा. मुस्लिम पक्ष की दलीलें रखने की सीमा सोमवार को खत्म हो गई थीं. मुस्लिम पक्ष ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट से कहा था कि उनकी मांग है कि 5 दिसंबर 1992 को जिस स्थिति में ढांचा था, वैसी ही हालत में वह हमें सौंपा जाए.
Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई
अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी सुनवाई होगी. यदि बुधवार तक सुनवाई पूरी हो जाती है तो कोर्ट में 16 अक्टूबर तक कुल 40 दिन की सुनवाई होगी. इससे पहले मौलिक अधिकारों को लेकर केशवानंद भारती बनाम केरल केस में 13 जजों के पीठ ने पांच महीने में 68 दिन सुनवाई की थी. यह सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 से शुरू होकर 23 मार्च 1973 तक चली थी. जबकि 2017 में आधार की अनिवार्यता के मामले की सुनवाई 38 दिन चली थी. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की 38 दिन की सुनवाई पूरी हुई.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों ने आरोप लगाया कि इस मामले में हिन्दू पक्ष से नहीं बल्कि सिर्फ हमसे ही सवाल किये जा रहे हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष 38वें दिन की सुनवाई शुरू होने पर मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने यह टिप्पणी की. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
VIDEO: अयोध्या में विवादित जमीन किसकी?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं