महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के आरोप पर एनसीपी (शरद गुट) नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने जवाब दिया है. एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए सुले ने कहा कि ये सब झूठ फैलाया जा रहा है. ये फेक ऑडियो बनाए गए हैं. इसलिए मैंने साइबर क्राइम में कंप्लेन किया है. साथ ही भाजपा के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करूंगी.
उन्होंने कहा, "मैं इस दुनिया में किसी भी गौरव मेहता को नहीं जानती. मेरा मोबाइल कोई भी चेक कर सकता है. ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए मैं भाजपा को मानहानि का नोटिस भेज रही हैं. उन्होंने मेरे खिलाफ झूठ फैलाई है. मैंने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई है. मैं सिर्फ सच बोलती हूं. ये फेक ऑडियो बनाए गए हैं."
एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता ने कहा कि मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी खबरें फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.
मतदाताओं को गुमराह करने के हथकंडे - सुप्रिया सुले
इससे पहले सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी एक पोस्ट के जरिए अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी. उन्होंने कहा, "राज्य में मतदान के कुछ घंटों पहले मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी सूचना फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. हमने बिटकॉइन के दुरुपयोग के झूठे आरोपों के खिलाफ भारतीय निर्वाचन आयोग और साइबर अपराध विभाग में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. इसके पीछे की मंशा स्पष्ट है, यह निंदनीय है."
Familiar tactics of spreading false information to manipulate the righteous voters are being resorted to, a night before the polling day. We have filed a criminal complaint to the Hon'ble ECI & the Cyber crime department against the fake allegations made of bitcoin… pic.twitter.com/g8Selv1DFk
— Supriya Sule (@supriya_sule) November 19, 2024
बता दें कि पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं. उन्होंने दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार के लिए बिटकॉइन हेरफेर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी डीलिंग से प्राप्त नकदी का उपयोग महाराष्ट्र में वर्तमान चुनाव अभियान में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की हेराफेरी की गई.
रवींद्र नाथ पाटिल ने आईएएनएस से बात करते हुए पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांचकर्ता भाग्यश्री नवटके पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे बिटकॉइन घोटाले में शामिल थे. उन्हें सुप्रिया सुले और नाना पटोले से संरक्षण प्राप्त था.
मुझे झूठे केस में जेल भेज दिया गया- पूर्व आईपीएस पाटिल
उन्होंने पूरे घोटाले का ब्यौरा साझा करते हुए बताया कि साल 2018 के बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी घोटाले में फॉरेंसिक ऑडिट के लिए मेरी कंपनी केपीएमजी को अपॉइंट किया था. उसको मैंने लीड किया था. साल 2022 में मुझे उसी केस के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. मैंने 14 महीने जेल में बिताए. इस दौरान वह यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें क्यों फंसाया गया. उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तथ्यों तक पहुंचने के लिए काम करना जारी रखा. आखिरकार, उन्हें चौंकाने वाले तथ्य मिले.
हालांकि, मेहता के अनुसार, उस वॉलेट को दूसरे वॉलेट से बदला गया था. यह कथित तौर पर पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता के निर्देश पर किया गया था. मेहता ने दावा किया कि पाटिल और उनके सहयोगियों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया, जबकि असली अपराधी गुप्ता और उनकी टीम थी. पाटिल ने मेहता पर घोटाले में सुप्रिया सुले और नाना पटोले का नाम लेने का भी आरोप लगाया.
चुनाव में किया गया बिटकॉइन हेरफेर से हासिल पैसे का इस्तेमाल
मेहता ने आरोप लगाया कि वे बिटकॉइन हेरफेर के जरिए हासिल नकदी का उपयोग 2019 के लोकसभा चुनावों और वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों सहित दूसरे चुनाव अभियानों के वित्तीय मदद के लिए कर रहे थे.
पाटिल ने दावा किया कि गुप्ता के निर्देश पर मेहता ने बिटकॉइन को नकदी में बदलने के लिए दुबई की कई यात्राएं की, जिसका उपयोग महाराष्ट्र में चुनाव गतिविधियों की फंडिंग के लिए किया गया. पाटिल ने आईएएनएस को बताया कि मेहता ने सोशल मीडिया ऐप 'सिग्नल' पर कई वॉयस रिकॉर्डिंग भेजीं, इनमें सुप्रिया सुले के संदेश भी शामिल थे, जिसमें बिटकॉइन के बदले नकदी मांगी गई थी.
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