ISI कनेक्शन को लेकर माफिया अतीक अहमद और अशरफ से ATS करेगी पूछताछ: सूत्र

माफिया अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड मामले में विवेचक को दिए बयान में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने की बात कबूली है.

ISI कनेक्शन को लेकर माफिया अतीक अहमद और अशरफ से ATS करेगी पूछताछ: सूत्र

अतीक और अशरफ 13 अप्रैल से 17 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में हैं.

खास बातें

  • अतीक और अशरफ पुलिस रिमांड पर हैं
  • ISI कनेक्शन को लेकर होगी पूछताछ
  • प्रयागराज में है एटीएस की टीम
प्रयागराज:

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ से आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा पूछताछ की जानी है. सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी असलहों की तस्करी को लेकर एटीएस इनसे पूछताछ करेगी. अतीक से आईएसआई कनेक्शन के साथ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधों को लेकर भी सवाल पूछे जाने हैं. एटीएस की टीम अतीक और अशरफ से पूछताछ के लिए कल देर रात प्रयागराज पहुंची है. लेकिन धूमनगंज पुलिस ने अनुमति न होने के चलते एटीएस को वापस भेज दिया था. लेकिन अब कभी भी ATS टीम अतीक और अशरफ से पूछताछ कर सकती है.

दरअसल माफिया अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड मामले में विवेचक को दिए बयान में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने की बात कबूली है. अतीक ने बुधवार को विवेचक को दिए बयान में कहा था, मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है क्योंकि मेरे सीधे संबंध पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से हैं.

पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब की सीमा में हथियार गिराए जाते हैं, जिनको लोकल कनेक्शन इकट्ठा कर लेता है और उन्हीं खेपों से जम्मू-कश्मीर के दहशतगर्दों को भी हथियार मिलते हैं. विवेचक द्वारा अतीक और अशरफ की पुलिस रिमांड के लिए अदालत में पेश रिमांड प्रपत्र में अतीक के बयान का हवाला देते हुए बताया गया कि अतीक को यदि ले जाएं तो वह घटना में प्रयुक्त असलहों और कारतूसों को बरामद करा सकता है.

अतीक के भाई अशरफ द्वारा बृहस्पतिवार को पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक, असलहे और कारतूस जिस जगह पर रखे हैं, उस जगह को यहां से बताना मुमकिन नहीं है. कुछ जगहों को मैं जानता हूं और कुछ जगहों को भाईजान अतीक जानते हैं.

अशरफ ने अपने बयान में कहा था, ‘‘जिन ठिकानों पर हथियार रखे जाते हैं और वहां जो आदमी रहता है, वह सब स्थान हमें और भाईजान को मालूम है. लेकिन वह जगह खेतों में बने फार्म हाउस जैसे हैं वहां चलकर ही पता बताया जाना मुमकिन है. जेल में रहकर वहां का पता बताना मुमकिन नहीं है.''

उसने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उमेश पाल की हत्या में प्रयुक्त सारे हथियार घटना के बाद वापस जगह पर पहुंचा दिए गए, केवल 45 बोर की पिस्टल वापस नहीं पहुंच सकी क्योंकि घटना के बाद लड़के शहर छोड़ने की जल्दबाजी में थे और उस पिस्टल को करेली थाना क्षेत्र के मलिन बस्ती में कल्लू नामक व्यक्ति के घर पर रख दिया गया.

उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश गौतम की अदालत ने उमेश पाल हत्या मामले में बृहस्पतिवार को अतीक और अशरफ को 13 अप्रैल से 17 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड में भेजा है. (भाषा इनपुट के साथ)

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